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कानपुर पर अब सर्दी और बुखार का कहर, दो घंटे में एलएलआर अस्पताल का वार्ड मरीजों से फुल

कानपुर शहर में सर्दी बुखार उल्टी दस्त डायरिया ने दस्तक दे दी है और मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एलएलआर अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के वार्ड नंबर 10 में मरीजों भर्ती किया गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 22 Aug 2021 08:59 AM (IST)Updated: Sun, 22 Aug 2021 08:59 AM (IST)
कानपुर पर अब सर्दी और बुखार का कहर, दो घंटे में एलएलआर अस्पताल का वार्ड मरीजों से फुल
कानपुर में संक्रामक बीमारी ने पसारे पांव ।

कानपुर, जेएनएन। सर्दी, बुखार, उल्टी, दस्त, डायरिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। एलएलआर अस्पताल में पहले ही बेड का संकट चल रहा है। शनिवार की सुबह नेत्र रोग विभाग के वार्ड नंबर 10 मेडिसिन के मरीजों के लिए चालू हुआ, जो कि दो घंटे के अंदर ही फुल हो गया। अब नए वार्ड की तलाश की जा रही है। अस्पताल प्रशासन को न्यूरो साइंस सेंटर में मरीजों को भर्ती करने के लिए शासन की अनुमति का इंतजार है। उर्सला अस्पताल में भी काफी संख्या में रोगी आने लगे हैं। वहां भी बेड का संकट चालू हो गया है। बुजुर्ग रोगियों को जीरियाट्रिक वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय की ओपीडी में भी काफी संख्या में संक्रामक मरीज आ रहे हैं।

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जीएसवीएम मेडिकल कालेज में रोजाना 180-200 मरीज मेडिसन के भर्ती हो रहे हैं। सर्जरी के मरीज पहले ही वार्ड नंबर एक, दो, तीन और चार में भर्ती हैं। मेडिसिन के वार्ड नंबर सात को न्यूरो सर्जरी के रोगियों के लिए रखा गया है। तापमान में उतार चढ़ाव की वजह से वायरल, डायरिया के केस बढऩे लगे हैं। जीएसवीएम मेडिकल कालेज की उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरी ने बताया कि तेज बुखार, उल्टी, दस्त, फेफड़ों में संक्रमण, गुर्दे में दिक्कत, सांस फूलना की समस्या लेकर मरीज आ रहे हैं। निमोनिया के केस भी काफी आने शुरू हो गए हैं। बेड की समस्या बनी हुई है।

वायरल, डायरिया बढऩे की वजह

-गर्मी से आकर एसी, कूलर के सामने बैठना।

-ठंडा पानी पीना, आइसक्रीम का सेवन।

-बासी खाना खाना।

-बारिश में भीग जाना।

-गंदा पानी पीना।

-संक्रमित मरीज के संपर्क में आना।

संक्रमण से बचाव के तरीके

- गर्म और ताजा खाना खाएं।

- गर्मी लगने पर अचानक से कपड़े न उतारें।

- धूप से आकर तुरंत ठंडा पानी न पीएं।

- बारिश में भीगने से बचाव करें।

- हाथों को बार बार धुलें, मास्क का प्रयोग करें।

- डाक्टर की सलाह पर दवाएं लें।


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