कानपुर में फैल रहा ऑनलाइन ठगों का जाल, ऑर्डर के नाम पर सैन्यकर्मियों से हड़पी रकम
कॉल रिसीव करने वाले ने कंपनी का प्रतिनिधि बताकर बात की और खाना ऑर्डर करने की प्रक्रिया समझाई। साथ ही पहले 10 रुपये का पेमेंट करने और खाना आने के बाद पूरा भुगतान करने के लिए कहा। इसके बाद अपराधी ने एक लिंक भेजकर ब्योरा मांगा।
कानपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में ऑनलाइन खाना मंगाना सैन्यकर्मी समेत दो लोगों को भारी पड़ गया। ऑर्डर देने के लिए जिन नंबरों पर उन्होंने फोन किया, वह साइबर अपराधियों के निकले। फोन पर बात करने के बाद अपराधी ने लिंक डाउनलोड कराया और क्रेडिट कार्ड व खाते से रकम पार कर दी। पीडि़तों ने पुलिस से और अपनी बैंकों में गुहार लगाई है।कल्याणपुर निवासी सैन्यकर्मी अतुल तिवारी ने बताया कि रविवार को लॉकडाउन होने के कारण सभी दुकानें बंद थीं। इस दौरान उनका बेटा बाहर से खाना मंगाने की जिद करने लगा। फेसबुक पर एक विज्ञापन में लिखे नंबर पर उन्होंने फोन किया।
कॉल रिसीव करने वाले ने कंपनी का प्रतिनिधि बताकर बात की और खाना ऑर्डर करने की प्रक्रिया समझाई। साथ ही पहले 10 रुपये का पेमेंट करने और खाना आने के बाद पूरा भुगतान करने के लिए कहा। इसके बाद अपराधी ने एक लिंक भेजकर ब्योरा मांगा। अतुल ने वह लिंक ओपन करके क्रेडिट कार्ड का ब्योरा डाला। इसके बाद उनके खाते से 25 हजार रुपये निकल गए। तब अतुल को धोखाधड़ी का अहसास हुआ। उन्होंने क्राइम ब्रांच से गुहार लगाई। इसी तरह बर्रा निवासी सेल्समैन नीरज ने भी गूगल पर फूड डिलीवरी कंपनी का नंबर देखकर फोन किया। फोन करने वाले ने खाते का ब्योरा व ओटीपी पूछकर नौ हजार रुपये पार कर दिए। साइबर सेल के कर्मचारियों ने बताया कि ऑनलाइन किसी भी वस्तु का ऑर्डर देते समय कंपनी के अधिकृत नंबर पर ही फोन करना चाहिए। ज्यादातर लोग गूगल पर नंबर ढूंढकर फोन करते हैं और धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। गूगल पर लिखे नंबर फर्जी निकलते हैं। सैन्यकर्मी की शिकायत पर जांच की जा रही है।