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गाय-बछड़े को डंडा मारने से मना किया तो किसान को ही उतार दिया मौत के घाट

कानपुर देहात के रसूलाबाद धुक्खापुरवा गांव में हमले में परिवार के तीन घायल सदस्यों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 10:53 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 10:53 PM (IST)
गाय-बछड़े को डंडा मारने से मना किया तो किसान को ही उतार दिया मौत के घाट
गाय-बछड़े को डंडा मारने से मना किया तो किसान को ही उतार दिया मौत के घाट

कानपुर देहात, जेएनएन। रसूलाबाद के धुक्खापुरवा में गाय व बछड़े को पीटने का विरोध करने पर किसान की कुल्हाड़ी व फावड़े से मारकर हत्या कर दी गई। बचाने आए परिवार के तीन सदस्यों को भी मारकर घायल कर दिया। तीनों को सीएचसी में भर्ती कराया गया है। स्वजन ने एंबुलेंस न मिलने से किसान की मौत होने का आरोप लगाया है।

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धुक्खापुरवा निवासी 57 वर्षीय किसान शिवराम की गाय घर के पास खड़ंजे के किनारे बंधी थी। शनिवार देरशाम को पड़ोसी वीरेंद्र वहां से गुजर रहा था तो गाय खड़ंजे तक आ गई। इस पर उसने उसे डंडों से जमकर मारा। शिवराम ने विरोध किया तो दोनों पक्षों में बहस होने लगी। मामला शांत होने पर शिवराम गाय को खोलने लगे, उसी समय पीछे से वीरेंद्र ने भाई अतिरेक, बेटियों वंदना व शीतला देवी संग मिलकर कुल्हाड़ी व फावड़े से हमला कर दिया। चीख पुकार मचने पर शिवराम की पत्नी गंगाजली, बेटा हरिश्चंद्र व बहू संगीता बचाने आए तो हमलावरों ने उनको भी मारा। आसपास के लोग जुटे तो हमलावर वहां से फरार हो गए। पुलिस पहुंची और सभी घायलों को सीएचसी में भर्ती कराया। रविवार सुबह शिवराम की मौत हो गई।

उनके बेटे विनोद का आरोप है कि देररात दो बजे पिता की हालत बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर का पर्चा मिला। आरोप है कि 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस बुलाई गई पर वह नहीं आई। इससे सुबह पिता की जान चली गई। सीएचसी में भी इलाज किया गया। मामले में डॉ. सौरभ शाक्य ने बताया कि रात 12 बजे के करीब घायल आए थे। यहां पर प्राथमिक इलाज कर किसान को रेफर किया गया था। एंबुलेंस की व्यवस्था उनके हाथ में न होकर सीधे लखनऊ कंट्रोल रूम से होती है। उन्होंने खुद प्रयास कर नंबर मिलाकर एंबुलेंस बुलाई पर वहां से केवल आश्वासन मिलता रहा। एंबुलेंस नहीं आई। थाना प्रभारी सुखबीर ङ्क्षसह ने बताया कि मारपीट की रिपोर्ट रात में दर्ज की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मिलते ही हत्या की धारा तरमीम की जाएगी। हत्यारोपितों की तलाश की जा रही है।

बंटाई पर खेती करते थे शिवराम

दिवंगत शिवराम के पास केवल डेढ़ बीघे खेती है। वह बंटाई पर खेती लेकर परिवार चलाते थे। दोनों बेटे बाहर काम करते थे, जो कि लॉकडाउन से घर पर ही हैं।


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