जीएसटी में खेल : माल खरीद बिना कारोबारियों के पास आ रहे ई-वे बिल के फर्जी संदेश
अधिकारी बोले- कारोबारी घबराए नहीं फर्जी ई-वे बिल को रिजेक्ट करें।
कानपुर, जेएनएन। माल की खरीद के बिना ही जीएसटी में पंजीकृत कारोबारियों के पास ई-वे बिल जेनरेट होने के फर्जी संदेश आ रहे हैैं। इसे लेकर कारोबारियों में चिंता बनी हुई है। अफसरों का कहना है कि अगर ऐसा कोई मैसेज आए तो उसे तुरंत रिजेक्ट कर दें। उन्होंने कहा कि व्यापारी इसे लेकर रिपोर्ट भी दर्ज करा सकते हैैं।
कानपुर उद्योग व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रोशन लाल अरोड़ा के मोबाइल पर बिना किसी खरीदारी के मैसेज आया कि उनका खरीदा हुआ माल भेजा जा रहा है। मैसेज में माल की कीमत का भी उल्लेख था। इस तरह के मैसेज विक्रेता द्वारा ई-वे बिल जेनरेट करने पर खरीदारों के पास आते हैैं।
पंजीयन में दर्ज मोबाइल नंबर पर आते संदेश
कारोबारियों की जीएसटी के पंजीयन में दर्ज मोबाइल नंबर पर यह मैसेज आता है। रोशन लाल अरोड़ा ने बताया कि इस तरह के संदेश कई और कारोबारियों के पास आए हैैं। शनिवार को उन्होंने उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष मनीष गुप्ता से भी इसकी शिकायत की। उनके मुताबिक दो नंबर से माल बेच चुके कारोबारी अक्सर इस तरह के ई-वे बिल जेनरेट करते हैं। इसके अलावा बिना कारोबार किए इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने वाले भी इस तरह का काम करते हैं।
व्यापारियों को हो रही ये दिक्कत
कानपुर युवा उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री संत मिश्रा के मुताबिक इस तरह के संदेश आने के बाद व्यापारी परेशान होते हैं क्योंकि ई-वे बिल बताता है कि उनके प्रतिष्ठान में इतना माल आ गया, जबकि उनके स्टाक रजिस्टर में वह माल दर्ज ही नहीं होता। ऐसे में कभी भी जांच में उन्हें दोषी ठहराया जा सकता है। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री ज्ञानेश मिश्रा के मुताबिक इस तरह की शिकायतें अक्सर सुनने को मिल जाती हैं।
अभी तक नहीं आई कोई शिकायत
राज्य कर विभाग के एडीशनल कमिश्नर ग्र्रेड वन, जोन वन अशफाक अहमद के मुताबिक इस तरह की अभी तक कोई शिकायत उनके पास नहीं आई है। अगर ऐसा कोई संदेश आता है तो तुरंत रिप्लाई कर उसे ई-वे बिल को रिजेक्ट कर दें। कोई दूसरा उनके पंजीयन नंबर का दुरुपयोग कर रहा है तो उसकी रिपोर्ट भी लिखवानी चाहिए।