आइआइटी के छात्रावास व कक्षाओं में पहुंचे एयर मार्शल आरकेएस शेरा, आखिर क्यों है उनको यहां से इतना लगाव Kanpur News
आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर व उप निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल से मिले संस्थान से उन्होंने ली थी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की उपाधि।
कानपुर, जेएनएन। एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ मेंटीनेंस कमांड एयर मार्शल आरकेएस शेरा ने अपने पुरातन संस्थान आइआइटी कानपुर का भ्रमण किया। संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने वाले एयर मार्शल आरकेएस शेरा ने इस दौरान निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, उप निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल समेत अन्य वरिष्ठ प्रोफेसरों से मुलाकात की। कक्षाएं और छात्रावास देखकर उन्होंने बीते दिनों की याद ताजा कीं। उन्होंने आइआइटी परिसर में आधुनिक प्रयोगशालाओं के निर्माण व विकसित की जा रही नई नई तकनीक को देखकर खुशी जाहिर की।
रक्षा के क्षेत्र में आइआइटी के वैज्ञानिक व वरिष्ठ प्रोफेसर नवीन उपकरणों के निर्माण पर काम कर रहे हैं। यहां का एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ऐसे विमान विकसित करने की तकनीक इजाद कर रहा है जो दुश्मन को नजर नहीं आएंगे। आइआइटी ने इसका डिजाइन व प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है। स्टेल्थ तकनीक के अंतर्गत विकसित किए जाने वाले इन विमानों के कुछ परीक्षण भी किए जा चुके हैं। ये ऐसे लड़ाकू विमान होंगे, जिन्हें रडार भी नहीं पकड़ पाएगा। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एके घोष इस तकनीक पर काम कर रहे हैं। एयर फोर्स के लिए आइआइटी के वैज्ञानिक इस प्रकार के विमान की तकनीक तैयार कर रहे हैं। एयर मार्शल के साथ हुई हुई बैठक में प्रो. एस अनंथ रामाकृष्णन, प्रो. समीर खांडेकर, प्रो. मंगल कोठारी, प्रो. जी कामत, प्रो. सीएस उपाध्याय, प्रो. केतन रजावत, प्रो. अशोक कुमार व आइआइटी में एनसीसी के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अशोक मोर समेत अन्य प्रोफेसर व एयर फोर्स के अधिकारी मौजूद रहे।
आइआइटी ने तैयार किए क्षमतावान मानवरहित यान
आइआइटी कानपुर ने एयर फोर्स के लिए कई मानवरहित यान विकसित किए हैं जो सेना की सहायता करेंगे। इसमें छात्रों का बनाया गया वह मानवरहित यान (यूएवी) भी शामिल है जो ड्रोन व एयरक्राफ्ट दोनों का काम करेगा। यह ड्रोन की तरह ही जमीन से उड़ान भरने के बाद निश्चित ऊंचाई पर पहुंचकर खुद ब खुद एयरक्राफ्ट में बदल जाएगा। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक व मंगल कोठारी के के निर्देशन में शोध छात्र निधीशराज, रामाकृष्णा व अनिमेष शास्त्री ने इसे तैयार किया है। इसके अलावा अधिक समय तक उड़ान भरने व अधिक भार उठाकर ले जाने वाले ड्रोन भी आइआइटी बना चुका है।