बेटे की मौत होने पर भी पीड़िता को नहीं भेजा था भारत
गरण संवाददाता कानपुर बेटे की मौत होने की सूचना मिलने पर भी मानव तस्करों ने ओमान में भेजी गई महिला को वापस नहीं भेजा था।
जागरण संवाददाता, कानपुर : बेटे की मौत होने की सूचना मिलने पर भी मानव तस्करों ने ओमान में फंसी जालंधर (पंजाब) निवासी उसकी मां को वापस भारत नहीं भेजा था। यह जानकारी शनिवार को महिला की बेटी ने पंजाब के पुलिस अधिकारियों को दी। बेटी ने बताया कि मां वहां बंधक हैं और उनसे जबरन काम कराया जा रहा है। जिस तरह से उन्नाव की कांशीराम कॉलोनी निवासी राजमिस्त्री की पत्नी को नौकरी के बहाने ओमान भेजा गया था। उसी तरह पंजाब के एजेंटों ने दिल्ली की एजेंसियों की मदद से जालंधर और संगरूर जिले की दो महिलाओं को नौकरी के बहाने दुबई भेजा था। जालंधर निवासी महिला को अगस्त 2019 में दुबई और दिसंबर में ओमान भेजा गया। बेटी ने बताया कि 28 जनवरी 2020 को उनके बड़े भाई का निधन हो गया था, लेकिन ओमान की एजेंसी संचालिका आयशा ने मां को वापस भारत नहीं भेजा। भारत भेजने के बदले ढाई लाख रुपये और टिकट के पैसे मांगे। बेटी ने बताया कि मां ने मजदूरी कर आयशा को पूरे पैसे भी दे दिए, लेकिन फिर भी भारत नहीं आने दिया। 31 मार्च को बेटी की मां से वाट्सएप पर बात हुई थी। तब महिला ने कहा कि उसकी तबीयत ज्यादा खराब है। ओमान में एजेंसी संचालिका आयशा उन्हें खाना-पीना भी नहीं देती है। वहीं, संगरूर जिले की महिला ने वाट्सएप पर वायस मैसेज भेजकर पुलिस को बताया कि उसे इसी वर्ष जनवरी माह में दुबई और एक माह बाद ज्यादा वेतन का लालच देकर ओमान के मस्कट भेजा गया। वहां बंधक बनाकर काम करा रहे हैं। पासपोर्ट छीन लिया है। ठीक से खाना-पीना नहीं देते, इससे तबीयत बिगड़ती जा रही है। शुक्रवार को मुंह से खून आ गया था। वापस भारत भेजने के बदले दो लाख रुपये मांग रहे हैं।