साइबर घुसपैठियों को ढेर करेगी सिक्योरिटी सेना, कालेजों में तैयार होने वाले एथिकल हैकर बनेंगे देश की सुरक्षा का अभेद्य दुर्ग
विभिन्न कालेजों को मान्यता मिली है। जिन कालेजों को मान्यता मिली है उनमें चार साल बाद करीब 10 हजार साइबर सिक्योरिटी योद्धा तैयार होकर निकलेंगे। साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने साइबर सिक्योरिटी से जुड़े कोर्स को प्राथमिकता पर रखा है
कानपुर (विक्सन सिक्रोडिय़ा)। साइबर क्राइम पर शिकंजा कसने के लिए अब इंजीनियरिंग कालेज साइबर सिक्योरिटी सेना तैयार करेंगे। यह हाईटेक सेना साइबर घुसपैठियों के मंसूबों पर पानी फेरकर उन्हेंं सुरक्षा कवच प्रदान करेगी। इंजीनियरिंग कालेजों में तैयार होने वाले एथिकल हैकर देश की सुरक्षा का अभेद्य दुर्ग बनकर सामने आएंगे। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने इस बार केवल साइबर सिक्योरिटी, मशीन लर्निंग,, डेटा साइंस, डिजाइनिंग और आॢटफिशियल इंटेलीजेंस जैसे हाईटेक कोर्स में कालेजों को मान्यता दी है।
सत्र 2021-22 में उप्र में 55 कालेजों को मान्यता दी गई है, जबकि एआइसीटीई के कानपुर कार्यालय ने यूपी को मिलाकर उत्तराखंड व बिहार के 65 कालेजों को बीटेक की नई ब्रांच शुरू करने के लिए हरी झंडी दी है। जिन कोर्स में मान्यता दी गई है, उनमें आॢटफिशियल इंटेलीजेंस एंड मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड डेटा साइंस, कंप्यूटर साइंस एंड डिजाइन, आटोमेशन एंड रोबोटिक्स और एमबीए इनोवेशन एंटरप्रन्योरशिप एंड वेंचर डेवलपमेंट ब्रांच शामिल हैं। इन ब्रांच की 60 सीटों पर विभिन्न कालेजों को मान्यता मिली है। जिन कालेजों को मान्यता मिली है उनमें चार साल बाद करीब 10 हजार साइबर सिक्योरिटी योद्धा तैयार होकर निकलेंगे। साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने साइबर सिक्योरिटी से जुड़े कोर्स को प्राथमिकता पर रखा है।
अभी तक केवल अध्याय होते ये यह कोर्स : एआइसीटीई के क्षेत्रीय अधिकारी डा. मनोज तिवारी ने बताया कि साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, डेटा साइंस व मशीन लर्निंग, केवल कंप्यूटर साइंस व इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी ब्रांच में एक अध्याय के रूप में शामिल हुआ करते थे। अब इन्हेंं एक अलग ब्रांच बनाकर इनका कोर्स डिजाइन किया गया है, जिससे छात्र डिजिटल टेक्नोलाजी से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में जान सकेंगे।
साफ्टवेयर व फाइलों को नुकसान पहुंचाने वाला पकड़ा जाएगा : इमॄजग एरिया यानी कंप्यूटर व डिजिटल टेक्नोलाजी से जुड़े क्षेत्रों में चार वर्ष पढ़ाई करने के बाद निकलने वाले बीटेक छात्र साइबर घुसपैठियों के इरादों को नाकाम करने में सक्षम होंगे। उन्हेंं इस प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाएगा कि साफ्टवेयर व फाइलों को नुकसान पहुंचाने की यदि कोई मंशा रखता है तो वह पकड़ा जाएगा।
इनका ये है कहना
- इस वर्ष से विवि बीटेक आॢटफिशियल इंटेलीजेंस का कोर्स शुरू करने जा रहा है। इस ब्रांच में छात्रों को साइबर सिक्योरिटी का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। यह इस ब्रांच में इलेक्टिव कोर्स होगा।
प्रो. विनय पाठक, कुलपति सीएसजेएमयू