केस्को मुख्यालय पर ईपीएफओ का छापा
केस्को संविदा कर्मचारियों के 13 करोड़ रुपये पीएफ घोटाले मामले में सोमवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की टीम ने केस्को मुख्यालय पर छापा मारा।
जागरण संवाददाता, कानपुर: केस्को संविदा कर्मचारियों के 13 करोड़ रुपये पीएफ घोटाले मामले में सोमवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की टीम ने केस्को मुख्यालय पर छापा मारा। टीम ने यहां पांच घटे तक फाइलें खंगाली। जांच में टीम को कई महत्वपूर्ण सूचनाएं और दस्तावेज हाथ लगे हैं।
केस्को में वर्ष 2000 से वर्ष 2014 के बीच तैनात 531 संविदा कर्मचारियों का एक भी पैसा न तो भविष्य निधि में जमा किया गया और न ही उन्हें ईएसआइ का लाभ मिला। ये सभी कर्मचारी दस सेवा प्रदाता कंपनियों की ओर से दिए गए थे। संविदा कर्मचारी संगठन केस्को के अनुमान के मुताबिक पीएफ में जमा नहीं की गई रकम 13 करोड़ के आसपास है। नियमों के अनुसार केस्को अधिकारियों की ये जिम्मेदारी थी कि वे निश्चित करते कि ठीकेदार ने पीएफ व ईएसआई जमा किया है या नहीं। ऐसा न करने पर ठीकेदार का भुगतान रोक देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। संविदा कर्मचारी संगठन केस्को के महामंत्री दिनेश सिंह भोले की शिकायत पर ईपीएफओ ने पिछले दिनों सुनवाई करते हुए केस्को को पीएफ अकाउंट आवंटित कर दिया था।
केस्को में हुए इस बड़े घोटाले को दैनिक जागरण ने न केवल प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया, बल्कि इसके अन्य पहलुओं की भी पड़ताल की। इसमें सामने आया कि अधिकारियों ने जानकारी होते हुए भी ठीकेदार को भुगतान किया। अधिकारियों के बीच इसको लेकर पत्राचार भी हुए, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिला। जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद ईपीएफओ सक्रिय हुआ और क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त द्वितीय उत्कर्ष जीत सिंह व चेतन यादव के नेतृत्व में एक छह सदस्यीय जांच टीम गठित की गई। सोमवार को केंद्रीय आयुक्त कार्यालय, नई दिल्ली से अनुमति के बाद टीम केस्को मुख्यालय पहुंची। एमडी अजय माथुर से मुलाकात कर घोटाले के बारे में बताया। इसके बाद टीम ने पांच घंटे तक फाइलें खंगालीं। इस दौरान टीम को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं। ईपीएफओ की छह सदस्यीय जांच टीम केस्को मुख्यालय आई थी। मैंने उन्हें सभी पुराने दस्तावेज देखने के लिए उपलब्ध करवा दिए हैं। अगर घोटाला हुआ है तो दूध का दूध-पानी का पानी साफ हो जाएगा।
अजय माथुर, एमडी केस्को