आंख पर हमला करता है ब्लैक फंगस और केपीएम अस्पताल में ईएनटी सर्जन नहीं
कानपुर के सरकारी अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। केपीएम में मरीज लौटने को मजबूर हैं और उर्सला अस्पताल में सिर्फ दो घंटे ही ईएनटीव नेत्र रोग की ओपीडी चल रही है। वहीं हैलट में नेत्र और ईएनटी की सेमी इमरजेंसी ओपीडी संचालित है।
कानपुर, जेएनएन। जिले में तेजी से पांव पसार रहे ब्लैक फंगस यानी म्यूकर माइकोसिस के संक्रमण को देखते हुए शासन ने ईएनटी एवं नेत्र रोग की ओपीडी दो-दो घंटे चलाने के आदेश दिए हैं। शहर के तीन अस्पतालों में से एक केपीएम हॉस्पिटल में ईएनटी सर्जन की तैनाती ही नहीं है, नेत्र रोग के डॉक्टरों से इमरजेंसी ड्यूटी कराई जा रही है, जिससे किसी तरह आंख की समस्या वाले मरीजों का इलाज हो रहा है। उर्सला में नेत्र रोग एवं ईएनटी की ओपीडी दो घंटे के लिए खुल रही है। हैलट में नेत्र और ईएनटी के मरीजों के लिए सेमी इमरजेंसी ओपीडी चल रही है।
केपीएम के सीएमएस डॉ. एसपी गुप्ता का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। ईएनटी सर्जन नहीं हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ को नेत्र रोग के मरीजों को देखने के साथ इमरजेंसी ड्यूटी भी करनी पड़ रही है। उर्सला के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके ङ्क्षसह ने बताया कि चार ओपीडी चल रही हैं। दो-दो घंटे के लिए ईएनटी एवं नेत्र रोग की ओपीडी चलती है, उसका समय सुबह 10 बजे से 12 बजे तक है। फ्लू ओपीडी व पोस्ट कोविड ओपीडी भी चल रही है। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि हैलट में नेत्र और ईएनटी विभाग की सेमी इमरजेंसी ओपीडी चल रही है। साथ ही ब्लैक फंगस पीडि़तों के इलाज के लिए 24 घंटे टीम अलर्ट रहती है। कांशीराम अस्पताल के सीएमएस डॉ. दिनेश सचान ने बताया कि यहां कोविड हॉस्पिटल है, इसलिए ओपीडी संभव नहीं है।