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अस्पताल की चौखट पर इंजीनियर ने तोड़ा दम

एसीएमओ का लेटर होने के बाद भी नही बन पाई बात।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 01:48 AM (IST)Updated: Wed, 28 Apr 2021 01:48 AM (IST)
अस्पताल की चौखट पर इंजीनियर ने तोड़ा दम
अस्पताल की चौखट पर इंजीनियर ने तोड़ा दम

जेएनएन, कानपुर : बेबसी के हालात खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। मरीज अस्पताल की चौखट पर दम तोड़ रहे हैं। सरकारी मशीनरी भी उनकी मदद नहीं कर पा रही। मंगलवार को एसीएमओ का लेटर होने के बाद भी कोरोना पीड़ित इंजीनियर ने अस्पताल की चौखट पर दम तोड़ दिया।

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मुख्यमंत्री के स्पष्ट आदेश हैं कि मरीज को अस्पताल वापस नहीं करेंगे। बेड न होने पर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा, लेकिन इस आदेश का पालन भी सरकारी मशीनरी नहीं करा पा रही है। कृष्णा नगर निवासी इंजीनियर ब्रजेश सिंह तीन दिन पहले संक्रमित हुए थे। मंगलवार को उनकी हालत बिगड़ी तो स्वजन ने कोविड कमांड सेंटर में फोन किया। किसी तरह अपर मुख्य चिकित्साधिकारी से रेफरल लेटर लेकर एंबुलेंस से जीटी रोड स्थित अस्पताल पहुंचे। एसीएमओ का लेटर दिखाने के बाद भी उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने भर्ती नहीं किया। इस दौरान दो घंटे से ज्यादा समय तक एंबुलेंस में ही उनकी सांसें ऊपर नीचे होती रहीं। सांसें कितना इंतजार करतीं, अंतत: थक गईं और ब्रजेश ने हमेशा के लिए आंखें बंद कर लीं। इससे पहले भी शहर के अस्पतालों की चौखट पर कई मौतें हो चुकी हैं। अस्पताल तक पहुंच कर इलाज न मिलने की ऐसी घटनाएं सिस्टम के लिए सवाल भी हैं और दावों की हकीकत भी बयां करती हैं कि सरकार के स्पष्ट आदेश के बाद भी अस्पताल मरीज को इलाज मुहैया नहीं करा पा रहे हैं। कोरोना मरीजों को नहीं लगाया रेमडेसिविर, एक की गई जान, बिठूर : मेरठ के एक प्राइवेट अस्पताल की कहानी मंगलवार को मंधना स्थित रामा अस्पताल में दोहराई गई। एक नर्सिंग स्टाफ ने कोरोना संक्रमित दो मरीजों को लगाने के लिए मिले रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाए। इसका नतीजा यह हुआ कि एक संक्रमित की मौत हो गई, जबकि दूसरे की हालत खराब हो गई। नोडल अधिकारी डॉ. दुष्यंत सिंह की तहरीर पर बिठूर पुलिस ने नर्सिंग स्टाफ कुकरादेव निवासी सुमित बाजपेई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। तलाशी में उसके पास से दोनों इंजेक्शन बरामद हुए। कल्याणपुर के गौतम बिहार आवास विकास निवासी 70 वर्षीय रामगोपाल और सिविल लाइंस निवासी 22 वर्षीय नीतेश अवस्थी का मंधना स्थित रामा अस्पताल के कोरोना वार्ड में इलाज चल रहा था। सोमवार को हालत खराब होने पर नर्सिंग स्टाफ सुमित बाजपेई को दोनों मरीजों को लगाने के लिए अस्पताल प्रबंधन की तरफ से दो रेमेडेसिविर इंजेक्शन दिए गए थे, लेकिन सुमित ने दोनों इंजेक्शन लगाने के बजाय अपने पास रख लिए। सोमवार देर रात रामगोपाल की मौत हो गई। यह राज तब खुला जब मंगलवार को ड्यूटी खत्म करके सुमित घर वापस जा रहा था तो सिक्योरिटी गा‌र्ड्स ने तलाशी ली। तलाशी में सुमित के पास उसी बैच के दोनों इंजेक्शन निकले। इस पर रामा अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. दुष्यंत सिंह ने सुमित के खिलाफ बिठूर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। थाना प्रभारी बिठूर अमित मिश्रा ने बताया कि नोडल अधिकारी की तहरीर पर सुमित को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाएगा।


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