फोमा ने उद्योग विभाग को दी 130 इकाइयों की सूची, कानपुर में कामगारों को मिलेगा रोजगार
कानपुर में होजरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए होजरी एसोसिएशन ने सूची दी है। इसमें यह भी बताया गया कि कामगारों के लिए क्लस्टर बनाने को कितनी जगह की जरूरत है। क्लस्टर विकसित होने से कामगार एक जगह आ जाएंगे।
कानपुर, जेएनएन। एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत आने वाला होजरी उद्योग अब चमकेगा। यहां फैसिलिटी सेंटर और क्लस्टर बनाने को लेकर सिलाई के उद्यम से जुड़ी 130 औद्योगिक इकाइयों की सूची फेडरेशन ऑफ होजरी मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (फोमा) ने उद्योग विभाग और उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम (यूपीएसआइसी) को दी है। क्लस्टर विकसित होने से कामगार एक जगह आ जाएंगे, जिससे बेहतरी आएगी।
होजरी उद्योग से जुड़े कई उद्यमियों ने अपनी औद्योगिक इकाइयों में आधुनिक प्रयोगशाला बनाने की ख्वाहिश भी जताई है। इससे शहर का सबसे बड़ा व सर्वाधिक कामगारों को रोजगार देने वाला उद्योग कोरोना काल के बीच रफ्तार पकड़ सकेगा। फोमा के उत्तर भारत के संयुक्त सचिव व होजरी उद्यमी बलराम नरूला ने बताया कि सिलाई क्लस्टर में कई कामगार मिलकर काम कर सकेंगे।
यहां पर ऐसी आधुनिक मशीनें लगाने की योजना है, जिससे उन्हें उत्पाद तैयार करने की प्रक्रिया में होने वाली जांच के लिए दूसरे शहरों का मुंह नहीं देखना होगा। देश के होजरी उद्योग में तीसरा स्थान रखने वाले कानपुर में सिलाई क्लस्टर बनाने की मांग लंबे समय से हो रही है। इस दिशा में बड़ा कदम रखते हुए सिलाई कामगारों की सूची तैयार करके उद्योग विभाग व यूपीएसआइसी को सौंपी गई है।
नए उद्योग लगाने को मिले जगह
नार्दन इंडिया होजरी मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज बंका ने बताया कि शहर में दो हजार सिलाई घर हैं, जबकि 50 हजार कामगारों की रोजी-रोटी इससे चलती है। ये सभी धागा, निटिंग, प्रोसेसिंग, कटिंग व फिनिशिंग से जुड़े हैं। जगह मिलने से उद्योग ठीक से रफ्तार पकड़ेगा। जिम्मेदार जल्द विचार करके बेहतरी लाएं। ये उद्योग प्रदूषण रहित है। इसलिए शहर के अंदर भी स्थापित किया जा सकता है। इसका एक बड़ा फायदा यह होगा कि महिलाएं भी रोजगार पा सकेंगी।
- दादानगर औद्योगिक क्षेत्र में फ्लैटेड फैक्ट्री बनाने जा रहे हैं। उसी में क्लस्टर बनाने के लिए उद्योग विभाग से होजरी उद्यमियों के संबंध में प्रस्ताव आया है। इससे निकट भविष्य में बेहतरी आएगी। - प्रभात बाजपेयी, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, यूपीएसआइसी।