Employment News: नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो हो जाएं तैयार, उप्र लघु उद्योग निगम में आ रही बहुत सारी भर्तियां
Job Alert उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम को निर्माण एजेंसी बनाने की तैयारी है जिसके बाद सौ से पांच सौ करोड़ के कार्य कराने का अधिकार मिल जाएगा एेसे में विभिन्न पदों पर भर्तियां करना बेहद आवश्यक हो जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। अगर आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो जल्द तैयार हो जाएं क्योंकि उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम प्रबंधन रिक्त पड़े 400 पदों पर भर्तियां करने जा रहा है । इन पदों पर भर्तियों के लिए प्रबंधन ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। पत्र में कहा गया है कि अगर आयोग से भर्ती नहीं कराई जाएं तो निगम को इसके लिए अनुमति दी जाए । लघु उद्योग निगम को निर्माण एजेंसी बनाने की तैयारी है क्योंकि निगम अभी 10 करोड़ तक के निर्माण कार्य कर सकता है। निर्माण एजेंसी का दर्जा मिलने के बाद 100 से 200 और 500 करोड़ से ऊपर के कार्य करने का अधिकार निगम को मिल जाएगा। इसलिए निगम में रिक्त पदों पर भर्तियां होना जरूरी हैं।
निगम में अभी कई पद रिक्त हैं
निगम को निर्माण एजेंसी बनने में सबसे बड़ी बाधा मुख्य अभियंता का पद ना होना था। प्रबंधन ने पिछले दिनों समाज कल्याण निर्माण निगम के अधीक्षण अभियंता को बतौर प्रभारी मुख्य अभियंता तैनात किया है। इसी के साथ ही शासन को निर्माण एजेंसी बनाने का प्रस्ताव भेज दिया गया है । निगम में अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता के विभिन्न पद रिक्त पड़े हुए हैं। निर्माण एजेंसी बनने के बाद बड़े पैमाने पर अभियंताओं की जरूरत होगी यही वजह है कि रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की कवायद की गई है।
जल्द ही कोयले की आपूर्ति भी करेगा शुरू
साथ ही निगम जल्द ही कोयले की आपूर्ति का कार्य भी शुरू करेगा। कोल समन्वय की तैनाती भी जल्द ही कर दी जाएगी। प्रबंधन ने इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। कोल समन्नवयक की तैनाती के बाद निगम सुबह के शत-प्रतिशत उद्योगों को कोयले की आपूर्ति करेगा । अभी सिर्फ 40% उद्योगों को ही कोयले का आपूर्ति की जाती है। हालांकि सामान्य के ना होने की वजह से यह कार्य भी बाधित पड़ा हुआ है। अभियंताओं की कमी पूरी करने के लिए ही फिलहाल प्रबंधन ने 15 अवर अभियंता जेम पोर्टल के माध्यम से लिया है । बढ़ते कार्य को देखते हुए सिर्फ 15 अभियंताओं से कार्य पूरा नहीं होगा। निगम के एमडी राम यज्ञ मिश्र ने बताया कि या तो शासन निगम को अनुमति दे दे या फिर आयोग के माध्यम से भर्तियां कराए । निगम को अब विभिन्न पदों को हर हाल में भरना होगा अन्यथा कार्य बाधित होंगे।