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बांदा में मालगाड़ी से कटकर 11 गोवंशों की गई जान, तड़पते गोवंशों को भी बचाने नहीं पहुंचे जिम्मेदार

बांदा रेल खंड पर डिंगवाही रेलवे स्टेशन के पास हादसा हुआ और ग्रामीणों की सूचना देने के घंटों बाद भी जिम्मेदार नहीं पहुंचे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 10:13 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 10:13 PM (IST)
बांदा में मालगाड़ी से कटकर 11 गोवंशों की गई जान, तड़पते गोवंशों को भी बचाने नहीं पहुंचे जिम्मेदार
बांदा में मालगाड़ी से कटकर 11 गोवंशों की गई जान, तड़पते गोवंशों को भी बचाने नहीं पहुंचे जिम्मेदार

बांदा, जेएनएन। जिले में गोवंशों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। कभी हाईवे पर ट्रकों से कुचलकर तो कभी ट्रेन की चपेट में आकर गाेवंशों की जान जा रही है। शनिवार की रात डिंगवाही रेलवे स्टेशन के निकट 11 गोवंशों की तेज रफ्तार मालगाड़ी से कटकर मौत हो गई और सात गोवंश गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों की सूचना के बावजूद रविवार को पूरे दिन पशुपालन व अन्य विभाग से जिम्मेदार शव दफनाने नहीं पहुंचे, घायल गोवंश तड़पते रहे।

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जनपद में अन्ना बेजुबान गोवंशों की लगातार मौते हो रही हैं। सड़कों पर रात में डेरा जमाए गोवंश तेज रफ्तार ट्रकों से टकराकर मर रहे हैं। वहीं ट्रेनों से भी कटने का सिलसिला जारी है।डिंगवाही गांव में करीब 60 गोवंशों का झुंड झांसी-मिर्जापुर हाइवे पर रात में बैठता है। मौका लगाकर किसानों की फसलों को चट करता है। परेशान किसानों ने शनिवार की रात गोवंशों के झुंड को खदेड़कर डिंगवाही स्टेशन के पास बनी केबिन में छोड़ दिया। रात करीब दो बजे तेज रफ्तार मालगाड़ी की चपेट में तमाम गोवंश आ गए।

हादसे में 11 गोवंश के शरीर के चीथड़े उड़ गए। वहीं सात गोवंशों में किसी के पैर कट गए तो कई गंभीर घायल होकर तड़पने लगे। सुबह ग्रामीणों ने देखा तो पशुपालन विभाग व पुलिस को सूचना दी। लेकिन पूरे दिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा। ग्रामीणों के मुताबिक घायल सात गोवंशों में दो की बाद में मौत हो गई। एक माह में बड़ी संख्या में गोवंशों के मरने की यह चौथी घटना है। इसके तिंदवारी के सैमरी, अतर्रा, बदौसा और कालिंजर में आधा सैकड़ा गोवंशों की ट्रकों से कुचलकर मौत हुई थी।

208 सरकारी गोशालाएं पड़ीं सूनी

निरीह अन्ना गोवंशों के संरक्षण के लिए तीन कान्हा पशु आश्रय स्थल सहित 208 सरकारी गोशाला संचालित हो रही हैं। सरकार निराश्रित पशु आश्रय योजना के तहत प्रति पशु भरण-पोषण के लिए नौ सौ रुपये हर माह दे रही है। लेकिन सभी गोशालाएं सूनी पड़ी हैं। मंडलायुक्त के निर्देेश के बावजूद सड़कों में भटक रहे करीब 55 हजार अन्ना गोवंशों का संरक्षण नहीं किया जा रहा है। यह किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचा रही हैं।

  • मालगाड़ी से गोवंशों के कटने की सूचना नहीं मिली है। पशु चिकित्साधिकारी को मौके पर भेजा जा रहा है। घायल गोवंशों का इलाज किया जाएगा। गोवंश संरक्षण में प्रधान व सचिव स्तर पर लापरवाही हो रही है। -डॉ.राजीव धीर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, बांदा

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