Electricity Crisis Kanpur: बिजली मांग बढ़ते ही खुलने लगी केस्को के दावों की पोल, जनता की भी बढ़ने लगीं मुश्किलें
Electricity Crisis Kanpur प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व वसूली का तमगा हासिल करने वाले केस्को बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी दूर नहीं कर पा रहा है। कभी स्मार्ट मीटर तो कभी जर्जर लाइनों व घंटों बिजली गुल होने से उपभोक्ताओं की परेशानी बनी हुई है।
कानपुर, जेएनएन। Electricity Crisis Kanpur उमस भरी गर्मी में बिजली की मांग 680 से 700 मेगावाट तक पहुंच गई है। मांग बढ़ने के साथ ही बिजली को लेकर समस्याएं भी बढ़ गई हैं। ओवर लोडिंग, फीडर ट्रिप होने के साथ लो वोल्टेज व जगह-जगह हो रहे फाल्ट से उपभोक्ताओं का बुरा हाल है। बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए केस्को के इंतजाम भी नाकाम साबित हो रहे हैं। सर्दी और उसके बाद कोरोना कर्फ्यू के दौरान तो बिजली आपूर्ति व्यवस्थित रही। उमस भरी गर्मी पड़ने पर जैसे ही बिजली की मांग बढ़ी केस्को की व्यवस्थाएं जवाब देने लगी हैैं। घंटों बिजली संकट से उपभोक्ता परेशान हैं। फाल्ट से लोगों का बुरा हाल है। न रात को बिजली मिल रही है न दिन में ही कोई राहत है। केस्को ने बिजली व्यवस्था को सुधारने लिए करोड़ों रुपये खर्च किए, इसके बावजूद गर्मी के तेवर सख्त होते ही सारी हकीकत सामने आने लगी है। हर रोज केस्को के पास फाल्ट व बिजली संबंधित अन्य समस्याओं को लेकर शिकायतों के अंबार लग रहे हैं। शुक्रवार को बिजली की मांग 696 मेगावाट रही। मांग बढऩे से लगातार फीडर ट्रिप होने की समस्या आ रही है।
करोड़ों किए खर्च फिर भी बिजली संकट: बिजली व्यवस्था को सुधारने, जर्जर लाइनों व ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिए 460 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उसके बाद भी गर्मी शुरु होते ही सारी व्यवस्थाएं और दावों की हवा निकल गई है। प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व वसूली का तमगा हासिल करने वाले केस्को बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी दूर नहीं कर पा रहा है। कभी स्मार्ट मीटर तो कभी जर्जर लाइनों व घंटों बिजली गुल होने से उपभोक्ताओं की परेशानी बनी हुई है। उपभोक्ताओं का कहना है कि समस्या सुनना तो दूर सबस्टेशनों पर फोन तक नहीं उठ रहे हैं।
कहां खर्च हुई कितनी धनराशि
- 24 सबस्टेशनों की क्षमता वृद्धि के लिए 11.24 करोड़
- 21 नए सबस्टेशनों के लिए 58.38 करोड़
- 10 पावर ट्रांसफार्मर के लिए 10.66 करोड़
- 30 सबस्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए 17.99 करोड़
- 33 केवीए के नए फीडर 101.20 करोड़
- 33 केवीए के फीडर की रिकंडक्टरिंग 58.99 करोड़
- 700 किलोमीटर एबीसी लाइन के लिए 83.46 करोड़
- 40 किलोमीटर अंडरग्राउंड केबल के लिए 20.35 करोड़
- 80.29 किलोमीटर एलटी लाइन के लिए 8.67 करोड़
- 50 किलोमीटर एलटी लाइन की रिकंडक्टरिंग के लिए 46 लाख
- 83900 नए मीटर के लिए 16.97 लाख रुपये
- अन्य विकास कार्यों में 26.084 रुपये खर्च किए गए
इनका ये है कहना:
बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए सभी अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैैं, अवर अभियंताओं की ड्यूटी अब शाम 5 बजे से बढ़ाकर रात 10 बजे तक कर दी है। हर अधिशासी अभियंताओं को सभी सबस्टेशनों का निरीक्षण कर शिकायती रजिस्ट्रर जांचने का और तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैैं। बिजली को लोड बढ़ने से आपूर्ति में दिक्कतें आ रही हैैं। इसका समाधान किया जा रहा है। -चंद्रशेखर अंबेडकर, केस्को मीडिया प्रभारी