पेचबाग में 'पेच' लड़ा रहे बिजली के तार
हाल-ए-केस्को - पूरे क्षेत्र में फैला तारों का संजाल, हर समय हादसे की आशंका, कई स्थानों पर झूलते तारों को बांस-बल्ली के सहारे टिकाया, आइपीडीएस में करोड़ों रुपये खर्च, हालात जस के तस
जागरण संवाददाता, कानपुर: महानगर के बाहरी हिस्सों में बांस-बल्ली के सहारे बिजली आपूर्ति के मामले तो अब आम लगने लगा है लेकिन यही हालात शहर में हों तो। साफ है, बिजली सप्लाई का सिस्टम सवालों के घेरे में है। केस्को के आइपीडीएस योजना में करोड़ों रुपए फूंकने के बाद भी पेचबाग में बिजली के तार आपस में ही पेच लड़ा रहे हैं।
कच्चे चमड़े का कारोबार के क्षेत्र पेचबाग में करीब चार हजार परिवार रहते हैं। क्षेत्र में बिजली घर और आलूमंडी से सप्लाई दी जाती है। बिजली घर वाले इलाके में आइपीडीएस के तहत सप्लाई लाइन अंडर ग्राउंड की जा चुकी है जबकि आलूमंडी में एबीसी लाइन पड़ी होने से सप्लाई लाइन बेहद बेतरतीब तरीके से की गई है। हाल यह है कि एक पोल से सैंकड़ों कनेक्शन दिए गए हैं। वहीं कनेक्शन तारों के साथ एबीसी लाइन जहां तहां झूल रही है। बीच चौराहे पर क्षतिग्रस्त एबीसी लाइन को स्थानीय लोगों ने बांस-बल्ली से टिकाया हुआ है। तारों के इस जाल से रोजाना फाल्ट होते हैं। इसको लेकर कई बार शिकायतें की गई हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
पब्लिक बोली
हाईटेंशन लाइन मेरे घर से सटकर निकल रही थी। कुछ समय पहले दो बार ढीले तार घर को टच कर गए, जिससे मकान में करंट उतार आया। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ।
-आबिद अनवर सिर के ऊपर झूल रहे तारों से हर समय हादसे का डर सताता है। कई बार केस्को के अधिकारियों को वीडियो बनाकर भेजा, लेकिन कोई कर्मचारी देखने तक नहीं आया।
- शहाब बिजली के तार इस तरह से झूल रहे हैं कि कभी भी हादसा हो सकता है। लोगों ने बांस बल्लियों से इन तारों को संभाला है। आए दिन यहां बिजली गुल रहती है। शिकायतों पर सुनवाई नहीं होती।
- मोहम्मद फारूख
जिम्मेदार बोले
क्षेत्र में अंडरग्राउंड लाइन डालने के लिए डीपीआर बन रही है। इसके बाद काम शुरू होगा।
- सीबीएस चंद्रशेखर, मीडिया प्रभारी केस्को