छोटे भाई की जिंदगी खुशहाल करने के लिए बड़े भाई ने मांगा तलाक
नेक्स्ट फ्रेंड बनकर दाखिल किया था मुकदमा शॉर्टटर्म मेमोरी लॉस से पीडि़त है छोटा भाई।
कानपुर, [आलोक शर्मा]। मानसिक रूप से अस्वस्थ भाई के लिए बड़े भाई ने प्रमुख पारिवारिक न्यायालय में तलाक की अर्जी देकर मुकदमा लड़ा। गवाही देकर कोर्ट में साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। कानपुर कोर्ट में अपनी तरह के इस पहले मामले में अपर परिवारिक न्यायाधीश रवींद्र कुमार ने दोनों पक्षों के साक्ष्य, तर्क व दलीलें सुनने के बाद तलाक की डिक्री स्वीकार कर ली। न्यायालय ने कहा कि विवाह विच्छेदित किया जाता है, चूंकि पत्नी सरकारी शिक्षिका हैं लिहाजा कोर्ट ने उनके तीन प्रार्थना पत्रों में दो को खारिज कर एक प्रार्थनापत्र पर तीन लाख रुपये एकमुश्त देने के आदेश पति पक्ष को दिए हैं।
यह था मामला
आजाद नगर के गोपाल तिवारी का विवाह 23 अप्रैल 2004 को किदवई नगर की संजू से हुआ था। दोनों करीब दो साल साथ रहे। बीएचयू से एमटेक गोपाल वर्ष 2006 में वाङ्क्षशगटन यूनिवर्सिटी में रिसर्च करने अमेरिका चले गए। अधिवक्ता विनोद त्रिपाठी के मुताबिक गोपाल पत्नी को अमेरिका ले जाना चाहते थे, लेकिन वह कानपुर लौटकर काम करने का दबाव बना रहीं थीं। इसी के चलते संजू ने सात जनवरी 2009 को महिला थाने में दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा दर्ज करा दिया।
अमेरिका में घायल हुए थे गोपाल
अमेरिका में रिसर्च टूर के दौरान गोपाल पैर फिसलने से पहाड़ी से गिर गए और आठ घंटे तक दर्रे में फंसे रहे। ऑक्सीजन की कमी से उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई। वहां उनका इलाज चला। बड़े भाई के प्रयास से एक सितंबर 2013 को वह भारत लौटे और जमानत कराई।
इस नियम के तहत दी तलाक की अर्जी
शिक्षक गोङ्क्षवद तिवारी ने छोटे भाई की ओर से तत्कालीन प्रमुख पारिवारिक न्यायाधीश अखिलेश कुमार तिवारी की कोर्ट में जनवरी 2014 में तलाक की अर्जी दी। कारण बताया कि संजू कई साल से गोपाल के साथ नहीं रह रही हैं। स्वजन से झगड़ा करती हैं। सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 32 नियम एक के तहत यह प्रार्थना पत्र दिया कि किसी विकृतचित्त व्यक्ति और अव्यस्क की ओर से वाद मित्र (नेक्स्ट फ्रेंड) मुकदमा लड़ सकता है। उन्होंने खुद को वाद मित्र घोषित करने की मांग की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया। हालांकि संजू ने इस पर आपत्ति जताई, लेकिन उसे माना नहीं गया।
कोर्ट ने माना मेमोरी लॉस का पीडि़त
न्यायालय के आदेश पर नवंबर 2019 में पहली बार गोपाल गवाही देने कोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने पूछा संजू कौन हैं? सोचकर बोले मेरी पत्नी हैं। कोर्ट में खड़े ससुर की तरफ इशारा कर कोर्ट ने पूछा तो गोपाल ने उन्हें पहचाना और नाम बताया। पत्नी के साथ क्यों नहीं रहना चाहते के सवाल पर एक मिनट सोचकर बोले-वह लड़ती हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वादी को जवाब देने में सोचना पड़ रहा है। इसके साथ ही मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर शॉर्टटर्म मेमोरी लॉस का पीडि़त बताया।