लगने से पहले ही उजड़ गया थोक पटाखा बाजार
- 17 लाइसेंस धारकों में से केवल सात ने लगाई दुकानें
जागरण संवाददाता, कानपुर : दीपावली पर लगने वाला थोक पटाखा बाजार लगने से पहले ही उजड़ गया। लाइसेंस मिलने में हुई देरी और ग्रीन क्रैकर्स पटाखों की अनुपलब्धता के चलते कई दुकानदारों ने दुकानें ही नहीं लगाई। 17 लाइसेंस धारकों में केवल सात दुकानें ही लगी हैं। इनमें भी केवल दो-तीन दुकानों में ही पर्याप्त संख्या में पटाखे मौजूद हैं।
पटाखा के थोक दुकानदारों के सामने दो-तीन वर्षो से चली आ रही मुसीबत इस साल भी कम नहीं हुई। इस बार कोविड के नियमों से ढील मिली तो सबसे बड़ी समस्या बाजार लगने के स्थान को लेकर सामने आई। पिछले कई वर्षो से क्राइस्ट चर्च मैदान में थोक पटाखा बाजार लगता रहा है, पर इस साल क्राइस्ट चर्च कालेज प्रशासन द्वारा अपना मैदान देने से इन्कार करने के बाद लंबे समय तक ऊहापोह की स्थिति रही। आखिर में जाजमऊ स्थित अकील कंपाउंड का नाम फाइनल हुआ। वहीं पुलिस प्रशासन ने लाइसेंस देने में भी देरी लगाई। पुलिस प्रशासन ने लाइसेंस धारकों को सोमवार शाम लाइसेंस दिया। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया कि बाजारों में केवल ग्रीन क्रैकर्स पटाखे ही बेचे जाएंगे और ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। ऐसे में मंगलवार को जब बाजार सजना शुरू हुआ तो 17 में से 10 दुकानदारों ने अपने हाथ पीछे खींच लिए। दुकानदारों के मुताबिक कम समय और ग्रीन क्रैकर्स पटाखों की उपलब्धता न होने के चलते उन्होंने यह फैसला किया है। थोक पटाखा बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष मो. सलमान ने बताया कि स्थान का चयन, कम समय और ग्रीम क्रैकर्स पटाखों की उपलब्धता न होने के चलते कारोबारियों ने इस साल दुकान न लगाने का फैसला किया है। जिन्होंने दुकान लगाई भी है, उनके पास भी स्टाक बेहद कम है।