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बिल्डर-अभियंताओं का गठजोड़, नगर निगम को कर रहा कमजोर

अवैध निर्माण के चलते नगर निगम को नहीं मिल रहा मलबा शुल्क

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 06:55 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 06:55 PM (IST)
बिल्डर-अभियंताओं का गठजोड़,  नगर निगम को कर रहा कमजोर
बिल्डर-अभियंताओं का गठजोड़, नगर निगम को कर रहा कमजोर

जागरण संवाददाता, कानपुर : केडीए अभियंता और बिल्डरों की दोस्ती के चलते नगर निगम को करोड़ों रुपये की चपत लग रही है। अवैध निर्माण होने के कारण नगर निगम को मलबा शुल्क नहीं मिल रहा है। वही बिल्डर सड़क व फुटपाथ पर मलबा के साथ निर्माण सामग्री डालकर तोड़ रहे हैं। हर साल नगर निगम को फुटपाथ और सड़क ठीक कराने में करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

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नक्शा पास कराने से पहले एनओसी के लिए नगर निगम में मलबा शुल्क जमा करना पड़ता है, लेकिन बिल्डर केडीए अभियंताओं की मेहरबानी से बिना नक्शा पास कराए निर्माण करा रहे हैं। यदि नक्शा दो मंजिल का पास कराया तो कई मंजिल तक बना रहे हैं। निर्माण में कई फुटपाथ और सड़क तक तोड़ दीं। पीरोड, स्वरूप नगर, आर्यनगर, जवाहर नगर, किदवई नगर, श्याम नगर, गोविद नगर, पनकी, जाजमऊ, तिलक नगर, नवाबगंज में कई जगह फुटपाथ तक छज्जे का निर्माण हो गया है। इसके अलावा फुटपाथ, सड़क व नाली तोड़ दी हैं। हर साल करोड़ों रुपये का चूना लगने के बाद भी नगर निगम के जोनल प्रभारी और अभियंताओं को नहीं दिखाई दे रहा है।

जलकल को भी लगा रहे चूना

बिल्डर सीवर लाइन व पेयजल कनेक्शन भी अवैध रूप से लेकर जलकल को चूना लगा रहे हैं। बिना स्वीकृति लिए लाइन तोड़कर सीवर लाइन डाली जा रही है।

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अफसरों से जानकारी लूंगी। अगर फुटपाथ और सड़क पर निर्माण हो रहे हैं तो उन्हें क्यों नहीं रोका गया। साथ ही फुटपाथ, सड़क व नाली तोड़ने पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है।

प्रमिला पांडेय, महापौर


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