कोरोना कर्फ्यू के कारण कानपुर के मदरसों में आनलाइन पढ़ाई का लिया गया सहारा, स्मार्टफोन पर तालीम ले रहे बच्चे
पढ़ाई की शुरुआत के दौरान हुए वर्चुअल कार्यक्रम में मदरसा के संस्थापक मौलाना हाशिम अशरफी ने कहा कि मदरसों में आनलाइन पढ़ाई जारी रखी जाए। उन्होंने कहा कि इस्लाम में शिक्षा प्राप्त करने पर बहुत जोर दिया गया है। शिक्षा के बिना विकास नहीं हो सकता है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना काल में मदरसों में आनलाइन पढ़ाई का आगाज हो चुका है। मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं घरों में रहते हुए इंटरनेट मीडिया के माध्यम से शिक्षकों से जुड़ रहे हैं। कक्षाओं के अनुसार मदरसा छात्रों के वाट्सएप पर ग्रुप बनाए गए हैं। ग्रुप में बच्चों को तालीम दी जा रही है। दिए गए गृहकार्य को पूरा कर फोटो ग्रुप में डालने को कहा जा रहा है। बच्चों का मार्गदर्शन करने के लिए आडियो व वीडियो का सहारा लिया जा रहा है।
कोरोना काल में मदरसे बंद चल रहे हैं। ईद के दस दिनों बाद मदरसों का संचालन शुरू हुआ था। कोरोना कर्फ्यू लगने के कारण मदरसों में छात्र-छात्राएं नहीं आ रहे हैं। शहर के मदरसों में अधिकतर छात्र बिहार,बंगाल व अन्य प्रदेशों से आते हैं। छात्रों की पढ़ाई में बिना किसी अवरोध हो सके इयी उद़्देश्य से मदरसा अशरफुल मदारिस गद्दियाना और जामिया अशरफुल बनात में गुरुवार से आनलाइन पढ़ाई की शुरुआत की गई है।
पढ़ाई की शुरुआत के दौरान हुए वर्चुअल कार्यक्रम में मदरसा के संस्थापक मौलाना हाशिम अशरफी ने कहा कि मदरसों में आनलाइन पढ़ाई जारी रखी जाए। उन्होंने कहा कि इस्लाम में शिक्षा प्राप्त करने पर बहुत जोर दिया गया है। शिक्षा के बिना विकास नहीं हो सकता है। पश्चिमी देशों में विकास शिक्षा के कारण ही हुआ है। उन्होंने सभी मदरसों के संचालकों से अपील की है कि कोरोना कर्फ्यू में शिक्षण कार्य में बाधा न आने दें। जितना भी संभव हो सके छात्रों को आनलाइन पढ़ाई कराएं। जब हालात बेहतर हो तो आफलाइन पढ़ाई शुरू कराएं।