कानपुर में ड्रग माफिया सुशील बच्चा के अवैध मकान को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू, 10 थानों की पुलिस है मौजूद
डीआइजी डॉ. परमिंदर सिंह ने श्रम विभाग व अरमापुर स्टेट को पत्र लिखकर सुशील बच्चा और उसके भाई राजकुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सरकारी संपत्ति से इन्हें बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि इस प्रक्रिया में कुछ दिन भी लग सकते हैं
कानपुर, जेएनएन। गैंगस्टर विकास दुबे के बाद कानपुर पुलिस ने ड्रग्स तस्कर सुशील बच्चा के आवास पर सोमवार को हथौड़ा चला दिया। 10 थानों की पुलिस फोर्स की मौजूदगी के बीच अरमापुर स्टेट प्रशासन ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके बनाए गए मकान को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कौन है सुशील बच्चा
सुशील बच्चा और उसके भाई राजकुमार को पिछले दिनों पुलिस ने ड्रग्स तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इनके खिलाफ जब गैंगस्टर की कार्रवाई की गई और संपत्ति जब्त किए जाने के बाद उसका आकलन शुरू हुआ तो सामने आया कि इन्होंने श्रम विभाग के सरकारी क्वार्टर कब्जा लिए हैं और अरमापुर स्टेट की सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण कर के मकान बनाए हैं।
बुलडोजर न जा सका तो मजदूरों को ही लगा दिया गया
डीआइजी डॉ. परमिंदर सिंह ने श्रम विभाग व अरमापुर स्टेट को पत्र लिखकर सुशील बच्चा और उसके भाई राजकुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सरकारी संपत्ति से इन्हें बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत सोमवार को काकादेव थाना क्षेत्र के अंबेडकर नगर स्थित अरमापुर स्टेट की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए सुशील बच्चा और राजकुमार के मकानों को ध्वस्त कराने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल का इंतजाम किया गया था। इसके अलावा अरमापुर स्टेट के अधिकारी भी मौके पर थे हालांकि सकरी रास्ते में घर होने की वजह से मौके पर बुलडोजर नहीं पहुंच सका, जिसके चलते मजदूरों के माध्यम से ही मकान के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई । तीन मंजिला मकान के बारे में पुलिस का कहना है कि यहां पर सुशील बच्चा नहीं रहता था बल्कि ड्रग्स तस्करी का काम करने वाले उसके गुर्गे इस मकान में पनाह पाते थे । इस मकान के ठीक सामने बच्चा के भाई राजकुमार का अर्ध निर्मित मकान भी है पुलिस इस मकान को भी गिराएगी । हालांकि इस प्रक्रिया में कुछ दिन भी लग सकते हैं