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कश्मीर में तैनात सैनिकों को पत्थरबाजों से बचाएगा सूट, नहीं होगा पत्थर का असर

डीएमएसआरडीई कानपुर ने तैयार किया राइट्स प्रोटेक्शन सूट।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 11:31 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 10:45 AM (IST)
कश्मीर में तैनात सैनिकों को पत्थरबाजों से बचाएगा सूट, नहीं होगा पत्थर का असर
कश्मीर में तैनात सैनिकों को पत्थरबाजों से बचाएगा सूट, नहीं होगा पत्थर का असर
कानपुर [जागरण स्पेशल]। पल भर में दुश्मनों के दांत खïट्टे कर देने वाले सैनिकों के लिए अनुसंधान की दिशा में तेजी से काम हो रहे हैं। बुधवार से रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) में शुरू हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी व प्रदर्शनी के पहले दिन रक्षा वैज्ञानिकों ने न केवल यह भरोसा दिया, बल्कि वादे को पूरा करके भी दिखाया। इसी कड़ी में कश्मीर के पत्थरबाजों से निपटने के लिए राइट्स प्रोटेक्शन सूट तैयार किया गया है।
डीएमएसआरडीई कानपुर द्वारा विकसित राइट्स प्रोटेक्शन सूट के संबंध में अपर निदेशक समर बहादुर यादव ने बताया कि 150 ग्राम वजन के पत्थर को 40 मीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से फेंका जाए तो इस वर्दी को पहनने वाले सैनिक पर कोई असर नहीं पड़ेगा। शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंगों को ढकने में यह वर्दी सक्षम है। दिल्ली सीआरपीएफ मुख्यालय में ट्रायल सफल हो गया है। जल्द ही इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा।
ये भी रहे आकर्षण का केंद्र
एंटी माइन सूट : माइंस फटने की स्थिति में करेगी सैनिक की हिफाजत।
एनबीसी सूट : न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल व केमिकल युद्ध में सैनिक की करेगी हिफाजत।
बुलेट प्रूफ जैकेट : एके-47 की गोली को भी सहने की क्षमता।
रडार स्कैटङ्क्षरग कैमोफ्लाइज नेट : इसके नीचे रक्षा उपकरणों को छिपाया जा सकता है, जिसे कोई भी रडार पकड़ नहीं सकता। ऐसा ही एक नेट सैनिकों को भी छिपाने के लिए विकसित किया गया है।
हाईपरसोनिक मिसाइल की ओर बढ़ रहे कदम
डीआरडीओ के महानिदेशक एनएसएम (नेवल सिस्टम मैटीरियल) एसबी कामत ने बताया कि भारत ध्वनि से भी पांच गुना अधिक गति से चलने वाली हाईपरसोनिक मिसाइल बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इसके अलावा पानी में मौजूद सबमरीन को तलाशने के लिए लेटेस्ट सोनार सिस्टम की दिशा में भी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। दुश्मन की सबमरीन को नष्ट करने के लिए शक्तिशाली टारपीडो बनाई जा रही हैं। वहीं, एंटी टारपीडो डिफेंस सिस्टम को और अधिक विकसित कर रहा है ताकि दुश्मनों के टारपीडो की दिशा को भटकाया जा सके।
यह है आयोजन
डीएमएसआरडीई परिसर में बुधवार को एमएमटीपीएस-2019 का शुभारंभ रक्षा मंत्री के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार पद्म विभूषण डॉ. पी रामाराव, डीएसटी के पूर्व अध्यक्ष व डीआरडीओ के पूर्व सचिव पद्मश्री डॉ. बीके सारस्वत और डीआरडीओ के महानिदेशक एनएसएम ने किया। यह आयोजन टीआर अनंतरमन शिक्षा एवं अनुसंधान संस्था द्वारा किया जा रहा है।
चार दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के पहले दिन मिसाइल सिस्टम एवं पदार्थ समाधान पर रक्षा वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किए। मैटीरियल्स ऑफ फ्यूचर डिफेंस सिस्टम पर डॉ. एसबी कामत, मिसाइल सिस्टम एंड मैटीरियल्स पर डॉ. जयतीर्थ जोशी, हाईपरसोनिक व्हीकल प्रोगाम एंड मैटीरियल्स पर डॉ. बीवीएन चरयल्लू और मैटीरियल्स फॉर मिसाइल सिस्टम पर बीशाह ने प्रजेंटेशन दिया। गुरुवार को युद्धक विमान प्रणाली एवं पदार्थ समाधान विषय पर चर्चा होगी। 

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