पढ़िए- ब्लैक फंगस पर डॉक्टर के जवाब, क्या हैं गंभीर लक्षण और बचने के लिए क्या करें
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नाक कान और गला विभागाध्यक्ष प्रो. एसके कनौजिया ने दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर कार्यक्रम में ब्लैक फंगस को लेकर लोगों के सवालों के जवाब देकर उन्हें बचाव के तरीके बताए और जागरूक भी किया।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के बाद फंगस यानी म्यूकर माइकोसिस ने दस्तक दे दी है। कोरोना से जंग जीतने वाले कमजोर प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) वाले ब्लैक फंगस की चपेट में आ रहे हैं, क्योंकि संक्रमण के दौरान उन्हें स्टेरॉयड दी गई थी। ऐसे में कमजोर इम्युनिटी वालों में फंगल इंफेक्शन हो रहा है। फफूंदी समूह के म्यूूकर माइकोसिस का जहां संक्रमण होता है, वहां की खून की आपूर्ति बंद हो जाती है, जिससे प्रभावित अंग काला होने लगता है, इसलिए इसे ब्लैक फंगस कहते हैं। इसके संक्रमण से बचाव के लिए अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाएं और नमी व सीलन युक्त वातावरण में रहने से बचें। अपना मधुमेह नियंत्रित रखें। यह बातें बुधवार को दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर में लोगों के सवालों का जवाब देते हुए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नाक कान और गला विभागाध्यक्ष प्रो. एसके कनौजिया ने कहीं, पेश है उसके अंश :-
0 ब्लैक फंगस की पहचान और बचाव के लिए क्या करें? राम प्रकाश, फजलगंज।
- कोरोना से उबरे मधुमेह, किडनी, हार्ट अटैक, लिवर एवं कैंसर पीडि़त ही चपेट में आते हैं, क्योंकि इनकी प्रतिरक्षण प्रणाली कमजोर होती है। इसके सामान्य लक्षण नाक का बंद होना, नाक से काला पानी या खून जैसा आना, आंख में लालिमा, आंख व गाल में सूजन, सांस लेने में परेशानी और सिर दर्द हैं। ऐसे लक्षण होने पर तत्काल ईएनटी सर्जन को दिखाएं। बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें। घर की खिड़कियां और दरवाजे खुले रखें, ताकि हवा आ जा सके। कपड़े, चादर और तकिया को नियमित धूप दिखाएं। नमी में फंगस पनपता है और धूप में निष्क्रिय हो जाता है।
0 कई दिनों से आंख के आसपास सूजन है, ब्लैक फंगस तो नहीं? अतुल चतुर्वेदी, पनकी।
- अगर कोरोना से उबरे हैं। साथ ही मधुमेह है और स्टेरॉयड की दवाएं चली हैं तो आप हाई रिस्क पर हैं। तत्काल नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। अगर इसमें से कुछ नहीं है तो यह सामान्य परेशानी है। घबराने की जरूरत नहीं है।
0 ब्लैक, यलो और व्हाइट फंगस में अंतर बताएं, इसका अटैक किस पर अधिक होता है? नवल किशोर गुप्ता, किदवई नगर।
- सबसे खतरनाक ब्लैक फंगस है, जिसका संक्रमण विरले ही देखने को मिलता है। फंगस से बचने के लिए मधुमेह को नियंत्रित करें और योग करें। कमजोर प्रतिरक्षण प्रणाली वालों पर इसका खतरा अधिक होता है। बेहतर खानपान से इम्युनिटी को मजबूत करें और ब्लैक फंगस को फटकने न दें।
0 मां कोविड से स्वस्थ हुईं हैं, उनकी आंखों में जाला जैसा बनने के साथ दांतों में भी दर्द है?- गरिमा, इंद्रानगर।
- नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। जरूरी नहीं कि यह ब्लैक फंगस हो। दातों में दर्द सामान्य भी हो सकता है।
0 ब्लैक फंगस बच्चों में भी हो रहा है? केशव कुमार, रातवपुर।
- फंगस का संक्रमण सभी को हो सकता है। खासकर कमजोर प्रतिरक्षण प्रणाली वालों पर देखने को मिल रहा है। टाइप-वन मधुमेह पीडि़त कुछ बच्चों में केस देखने को मिले हैं। जो जन्म के साथ ही मधुमेह से पीडि़त होते हैं। ऐसे बच्चों में किसी प्रकार की कोई दिक्कत होने पर तत्काल जांच कराएं। ।
0 मेरी बहू के फेफड़ों में संक्रमण है? एसके गुप्ता, दीनदयाल नगर।
- अगर सांस लेने में दिक्कत और फेफड़े में संक्रमण है तो पहले चेस्ट फिजीशियन को दिखाएं। अगर मधुमेह नहीं है तो घबराने की जरूरत नहीं। ऐसे व्यक्तियों को ब्लैक फंगस का संक्रमण नहीं हो सकता।
0 ब्लैक फंगस और सामान्य साइनस में अंतर बताएं? सरिता, विकास नगर।
- ब्लैक फंगस और सामान्य साइनस में अंतर है। फंगस में आंखों में लालिमापन के साथ आंखें बाहर की तरफ उभर आती हैं। पीडि़त को दो-दो व्यक्ति दिखने लगते हैं। साइनस में सिर और कान में दर्द होता है। साइनस का प्रभाव आंखों पर नहीं होता।
0 कई दिनों से जुकाम और गले में खराश है, ब्लैक फंगस तो नहीं? - वीके माथुर, पनकी।
- पहले कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ और मधुमेह नियंत्रित है तो ऐसे में परेशान न हों, यह सामान्य साइनोसाइटिस है। फिर भी एक बार एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी में आकर जांच जरूर करा लें।
इन्होंने ने भी किए प्रश्न : अवधेश कुमार सतबरी रोड, किरन कटियार कल्याणपुर, बबली शर्मा बर्रा, शैलेंद्र कुमार जवाहर नगर।
फंगस के सामान्य लक्षण
-नाक का बंद रहना, काला पानी आना।
-आंखों से पानी आना और लालिमापन रहना।
-चेहरे पर सनसनाहट महसूस होना।
-सिर दर्द, बुखार, छींक खूब आना।
-भ्रम की स्थिति का होना।
-रोशनी में कम या दो-दो दिखना।
-चेहरे औैर सिर में भीषण दर्द।
बचाव के लिए करें यह उपाए
-सीलन व नमी युक्त जगहों पर ज्यादा देर न रहें।
-मास्क को समय-समय पर बदलते रहें।
-भाप अधिक न लें।
-चादर, गद्दा, परदों को धूप जरूर दिखाएं।
-धूप में फंगस खत्म हो जाता है, इसलिए घर की खिलाड़ी व दरवाजे खुले रखें।
-योग व प्राणायाम से इम्युनिटी को दुरुस्त रखें।
-बार-बार नाक एवं आंख में अंगुली न लगाएं।