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IMA के Webinar में डॉक्टरों ने कहा- कोविड संक्रमितों का घर पर होता है बेहतर इलाज, ये दिए तर्क

कम से कम तीन बार भाप लेने और गर्म पानी के सेवन से संक्रमण से लाभ मिलता है। अध्यक्ष डॉ. नीलम मिश्रा ने बताया कि लंबी गहरी सांस योग और पेट के बल लेटकर लंबी सांस लेने से ऑक्सीजन के स्तर में बढ़ोत्तरी होती है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 07:49 AM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 07:49 AM (IST)
IMA के Webinar में डॉक्टरों ने कहा- कोविड संक्रमितों का घर पर होता है बेहतर इलाज, ये दिए तर्क
कोविड के लक्षण दिखते ही स्वयं को आइसोलेट करना चाहिए

कानपुर, जेएनएन। कोविड महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें डॉक्टरों ने मरीजों को बेहतर इलाज के साथ दवाओं और रेमडसिविर को लेकर योजना बनाई। एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर के प्रो. सलिल भार्गव ने बताया कि कोविड के अधिकतर मरीजों का इलाज घरों में ही बेहतर तरीके से संभव है। केवल फीसद मरीजों को ही अस्पताल जाने की आवश्यकता पड़ती है। कोविड के लक्षण दिखते ही स्वयं को आइसोलेट करना चाहिए।

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कोरोना की दवाएं मेडिकल स्टोरों पर आसानी से उपलब्ध है। कम से कम तीन बार भाप लेने और गर्म पानी के सेवन से संक्रमण से लाभ मिलता है। अध्यक्ष डॉ. नीलम मिश्रा ने बताया कि लंबी गहरी सांस, योग और पेट के बल लेटकर लंबी सांस लेने से ऑक्सीजन के स्तर में बढ़ोत्तरी होती है। रक्त में ऑक्सीजन का स्तर 92 से 94 तक रहने पर थेरेपी की जरूरत नहीं पड़ती है। सांस फूलने, बुखार के नियंत्रित नहीं रहने और कमजोरी पर मरीज को अस्पताल ले जाना चाहिए।

डॉ. नंदिनी रस्तोगी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक रेमडेसिविर दवा जीवनरक्षक दवा नहीं है। कोविड का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित माना गया है। उन्होंने बताया कि गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य मरीजों का सही इलाज और उन्हेंं भय और अवसाद से दूर रखकर बेहतर करने के लिए प्रेरित करना है। कार्यक्रम का संचालन केंद्रीय स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन एक्शन कमेटी आइएमए डॉ. शिवाकांत मिश्रा ने देश में स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को ठीक करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य के बजट को दो से तीन गुना कर देना चाहिए। महापौर प्रमिला पांडेय, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आरबी कमल, सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. नीलम मिश्रा, डॉ. राजेश भदौरिया ने अपने विचार व्यक्त किए।  


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