उन्नाव में तीन वर्ष से पीएचसी में नहीं डॉक्टर, कागज पर तैनाती दिखा निकाल रहे वेतन
यही नहीं जहां डॉक्टर नहीं हैं वहां आयुष डॉक्टरों को बैठा मरीजों का उपचार करने का स्पष्ट आदेश दिया। लेकिन जिले के अफसरों पर सरकार के आदेश का ही असर नहीं है। इसकी बानगी के लिए पुरवा ब्लाक की चमियानी पीएचसी का उदाहरण ही काफी है।
कानपुर, जेएनएन। गांवों में कोरोना का संक्रमण बढऩे और ग्रामीणों को समुचित इलाज न मिलने की आम शिकायतों को लेकर सरकार ने इस कदर चिंता जताई कि ओपीडी बंद करने का आदेश वापस ले लेकर ग्रामीण क्षेत्र की पीएचसी में ओपीडी शुरू करने का आदेश जारी कर दिया। यही नहीं जहां डॉक्टर नहीं हैं वहां आयुष डॉक्टरों को बैठा मरीजों का उपचार करने का स्पष्ट आदेश दिया। लेकिन जिले के अफसरों पर सरकार के आदेश का ही असर नहीं है। इसकी बानगी के लिए पुरवा ब्लाक की चमियानी पीएचसी का उदाहरण ही काफी है। जहां तीन वर्ष से डॉक्टर ही अस्पताल नहीं गए।
यहां तैनात डॉक्टर और कर्मचारी दूसरी जगह अटैच हैं और उनका वेतन पीएचसी के खाते से निकाला जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को इलाज के लिए पुरवा या निजी चिकित्सकों पर निर्भर रहना पड़ता है। चमियानी व आस पास के गांवों को मिलाकर लगभग 50 हजार आबादी को इस पीएचसी से स्वास्थ्य सेवाएं देने की मंशा से अस्पताल खुला था, लेकिन तीन वर्ष से इस अस्पताल से मरीजों को बुखार की एक टिकिया तक नहीं मिली, जबकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वहां फार्मासिस्ट बैठ रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो तीन वर्ष पूर्व तैनात चिकित्सक का तबादला हो गया था। जिसके बाद कुछ महीनों तक पीएचसी फार्मासिस्ट के सहारे चली बाद में एक चिकित्सक की नियुक्ति हुई लेकिन उन्हें कहीं और अटैच कर दिया गया। जब डॉक्टर नहीं आते तो मरीज भी वहां जाने से परहेज करने लगे नतीजा निकला अन्य कर्मचारी भी यदा कदा ही आते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सफाई कर्मचारी साफ सफाई कर लौट जाता है।
गढ़ाकोला व पासाखेड़ा पीएचसी भी बंद : चमियानी के साथ साथ गढ़ाकोला व पासाखेड़ा की पीएचसी भी बंद चल रही है। गढ़ाकोला के डॉक्टर कंट्रोल रूम में तैनात है जबकि इन दिनों पासाखेड़ा के चिकित्सक पुरवा सीएचसी में अटैच है, जिससे दोनों पीएचसी डॉक्टर विहीन होने से बंद चल रही है।
इनका ये है कहना
- एक डॉक्टर तैनात हैं लेकिन वह कहीं अटैच है। फार्मासिस्ट कोरोना पॉजिटिव होने से नहीं आ रहे है। वार्ड ब्याय की ड्यूटी मौरावां कोविड अस्पताल में लगी है।
डॉ प्रमोद कुमार, सीएचसी अधीक्षक पुरवा