Kanpur Health Centers: नहीं आते डाक्टर, फार्मासिस्ट के निजी कर्मचारी करते ग्रामीणों का इलाज
कानपुर के गांवों के सरकारी अस्पतालों को लेकर प्रधान व ग्रामीणों का आरोप है कि दो डाक्टर व एक फार्मसिस्ट की तैनाती है लेकिन कोई आता नहीं है। फार्मासिस्ट ने अपने स्तर से दो निजी कर्मचारी रखे हुए हैं जो ग्रामीणों का इलाज करते रहते हैं।
कानपुर, जेएनएन। जिले के शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण अंचल में वायरल बुखार, डेंगू और मलेरिया कहर बरपा रहे हैं। घर-घर में बुखार पीडि़त हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण ने ग्रामीण अंचलों की पीएचसी की पड़ताल की, जिसमें पता चला कि गांव में न डाक्टर और न फार्मासिस्ट आते। हद तो यह है कि जिम्मेदारों को पता नहीं है। घाटमपुर क्षेत्र में फार्मासिस्ट ने अपने स्तर से ही गिरसी पीएचसी में दो कर्मचारी तैनात कर रखे हैं, जो मरीजों का इलाज करते हैं।
गिरसी पीएचसी में इलाज करते मिले निजी कर्मचारी
घाटमपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में खांसी, जुकाम और बुखार फैला है। फिर भी पतारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के गिरसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में न डाक्टर और न फार्मासिस्ट आते हैं। अस्पताल में उनके निजी कर्मचारी इलाज करते हैं। पीएचसी में डा. अंजना संखवार, डा. पुष्पा एवं एक फार्मासिस्ट विनीत सचान की तैनाती है, लेकिन कोई आता है।
ग्रामीणों के मुताबिक फार्मासिस्ट ने गांव के दो लोगों को पीएचसी में काम पर रख लिया है। हद तो यह है कि पतारा सीएचसी के अधीक्षक डा. नीरज सचान को जानकारी नहीं है। गिरसी गांव स्थित पीएचसी में मंगलवार को जागरण की पड़ताल में कोई नहीं मिला। पीएचसी में गिरसी के रमेश व सुषमा ही मरीजों का इलाज करते मिले। मरीज जमीन पर बैठे थे। गांव प्रधान अशोक यादव और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना के बाद से डाक्टर नहीं आए। फार्मासिस्ट के कर्मचारी बुखार और जुकाम की दवाएं देते हैं।
परीक्षा की वजह से नहीं आ रहीं डाक्टर
पतारा सीएचसी के अधीक्षक डा. नीरज सचान ने बताया कि डा. अंजना संखवार को परीक्षा देनी है, इसलिए वह नहीं आ रही हैं। हालांकि, उन्होंने आधिकारिक छुट्टी नहीं ली है। डा. पुष्पा मेगा वैक्सीनेशन कैंप में थक गईं, इसलिए नहीं आईं।
फार्मासिस्ट का ट्रांसफर, नई तैनाती नहीं
ग्रामीणों के मुताबिक सीएचसी के फार्मसिस्ट विनीत सचान नहीं आते हैं। पतारा सीएचसी के अधीक्षक ने बताया कि उनका ट्रांसफर हो चुका है, लेकिन वह नई पोस्टिंग नहीं ले रहे हैं। इसके चलते अगस्त माह का वेतन रोक दिया गया है।