कानपुर के डॉक्टर ने पकड़ी फिल्मी राह, Amitabh Bacchan की गुलाबो-सिताबो की शूटिंग का खोला ये राज
मिमिक्री के शौक ने लालमणि को फिल्मों में कलाकार बना दिया है।
कानपुर, [अंबर बाजपेयी]। शहर के आयुर्वेद डॉक्टर लालमणि अब फिल्मी राह पकड़ चुके हैं। अबतक 16 हिंदी फिल्में, पांच शॉर्ट फिल्म, टीवी शो और अनगिनत थिएटर करने वाल लालमणि का बचपन से मिमिक्री करने का शौक अब उनकी पहचान के साथ फिल्मी दुनिया का जरिया बन गया है। 2014 में पहली बार ऑडिशन दिया और फिल्म 'प्रणाम' के लिए चयन हो गया। हीरो थे राजीव खंडेलवाल, यहीं से शुरुआत हुई इसके बाद काम मिलने लगा।
ट्यूशन पढ़ाकर सच किए सपने
काकादेव में रहने वाले पेशे से आयुर्वेद डॉक्टर लालमणि बताते हैं कि बचपन से ही कलाकार बनना लक्ष्य था। पिता धनराज और माता की असमय मौत के बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों ने कदम थामे लेकिन रोक नहीं पाए। ट्यूशन पढ़ाकर रुपये जुटाए और अपने सपनों को सच करने के लिए जुट गया। 2014 में लखनऊ में ऑडिशन दिया। चयन होने के बाद हौसला बढ़ा। इसके बाद मुंबई जाकर संघर्ष शुरू कर दिया।
कनपुरिए में विजय राज संग शेयर की स्क्रीन
सैकड़ों ऑडिशन दिए और एक्टिंग स्किल सुधारने पर फोकस किया। इसके बाद 'मरुधर एक्सप्रेस', 'होटल मिलन', 'फैमिली ऑफ ठाकुरगंज' और ओटीटी प्लेटफार्म पर और हाल ही में रिलीज हुई 'कनपुरिए' फिल्म में विजय राज के साथ स्क्रीन शेयर किया है। इसके अलावा गुमनाम, क्रांतिकारी, छोटू, भूख जैसी कई शॉर्ट फिल्में भी की।
थिएटर से आया अदाकारी में निखार
बकौल लालमणि अदाकारी में निखार लाने के लिए सबसे ज्यादा सहयोग थिएटर ने किया। फिल्मों से समय मिलने पर लगातार थिएटर करते रहे। आने वाली फिल्मों में 'हम सब ज्ञानी हैं', 'द होस्टेज' , 'क्या होगा', 'मुंगेरी लाल', 'परधानी' और 'कागज' शामिल हैं। इनमें कागज फिल्म के प्रोडक्शन का जिम्मा सलमान खान की कंपनी के पास है। इसमें मणि पंकज त्रिपाठी के साथ बड़ा पर्दा साझा कर रहे हैं। फिल्म में उनका रोल एक मंत्री का है। फिल्म को मशहूर फिल्म अभिनेता सतीश कौशिक निर्देशित कर रहे हैं।
...तो इसलिए कानपुर में नहीं हो सकी शूटिंग
कानपुर में शूटिंग होने की संभावनाओं पर लालमणि कहते हैं कि यहां लोकेशन तो बहुत अच्छी है। गंगाबैराज, बिठूर और मोतीझील पर सीरियल और फिल्मों के सीक्वेंज शूट किए जा सकते हैं, लेकिन भीड़ प्रबंधन सबसे अधिक चुनौती होती है। बताया कि लखनऊ में शूट हो रही अमिताभ बच्चन की फिल्म गुलाबो सिताबो पहले कानपुर में ही शूट होनी थी, लेकिन भीड़ प्रबंधन न होने की वजह से ही प्रशासन ने अनुमति देने से इन्कार कर दिया था। यही हाल में दबंग-2 की शूटिंग के दौरान भी हुआ था।
पत्नी के सहयोग के बिना मुकाम पाना मुश्किल
लालमणि अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता के आशीर्वाद और पत्नी सीमा के प्रोत्साहन को देते हैं। वह बताते हैं कि पत्नी के सहयोग के बिना ये मुकाम पाना मुश्किल था। अब एक स्थापित कलाकार के तौर पर बॉलीवुड में जगह बनाना है। वह अपना आइडियल नवाजुद्दीन सिद्दीकी, इरफान खान, पंकज त्रिपाठी और बोमन ईरानी को मानते हैं।