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मधुमेह रोगी सीने में दर्द होने पर न बरतें लापरवाही

कई बार तनाव व पेट में गैस की वजह से भी सीने में दर्द उठता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 01:38 AM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 01:38 AM (IST)
मधुमेह रोगी सीने में दर्द होने पर न बरतें लापरवाही
मधुमेह रोगी सीने में दर्द होने पर न बरतें लापरवाही

जागरण संवाददाता, कानपुर : सीने में दर्द (चेस्ट पेन) की ऐसे तो कई वजहें होती हैं। कई बार तनाव या गैस की वजह से भी सीने में दर्द महसूस होता है। हालांकि उसमें से एक हार्ट अटैक भी है। ऐसे में चेस्ट पेन होने पर उसे न ही नजरअंदाज करें और न ही उसे हल्के में लेना चाहिए। इसमें जरा से लापरवाही घातक हो सकती है। खासकर तब और जब मधुमेह से पीड़ित हैं। ऐसे में खास तौर पर यह जानना जरूरी है कि आपके घर के सबसे नजदीक किस अस्पताल में कैथलैब की सुविधा है। जहां इमरजेंसी की स्थिति में एंजियोप्लास्टी या एंजियोग्राफी हो सके। यह जानकारी सिविल लाइंस स्थित होटल में आयोजित कानपुर डायबिटीज एसोसिएशन (केडीए) के छठे वार्षिक अधिवेशन केडीएकान- 2021 में इंदौरा से आए वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ डा. प्रदीप गुप्ता ने दी।

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उन्होंने कहा कि मधुमेह रोगी सीने में दर्द होने पर लापरवाही न बरतें। ताकि जरूरत के हिसाब से इलाज मुहैया हो सके। हार्ट अटैक के बाद के शुरुआती 30 मिनट बेहद अहम होते हैं। इस दौरान खून पतला करने वाली दवाएं या डिफ्रिबिलेशन थेरेपी (हार्ट को करेंट के झटके) मिलने से जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

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अधिवेशन में 12 अहम व्याख्यान

सिविल लाइंस स्थित होटल में केडीएकान का उदघाटन आयोजन समिति की चेयरमैन डा. नंदिनी रस्तोगी व सचिव डा. विपिन श्रीवास्तव, वैज्ञानिक चेयरमैन डा. बृज मोहन, केडीए के अध्यक्ष डा. भास्कर गांगुली, डा. दीपक याज्ञनिक, डा. प्रीति आहूजा, डा. अनुराग मेहरोत्रा एवं देश के नामचीन विशेषज्ञों ने मिलकर किया। डा. नंदिनी रस्तोगी ने बताया कि नामचीन विशेषज्ञों के 12 अहम व्याख्यान हुए। इसमें लखनऊ के किग जार्ज यूनिवर्सिटी के प्रो. कौसर उस्मान ने टाइप-2 में पहली दवा के सेवन पर अहम जानकारी दी।

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गर्भावस्था में मधुमेह है तो जच्चा-बच्चा को खतरा

दिल्ली से आए मेजर जनरल (रि.) डा. रमन मारवाह ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान या उससे पहले अगर मधुमेह है तो प्रसव के दौरान बच्चे पर असर पड़ सकता है। गर्भवती महिला के ब्लड में शुगर का स्तर 92 तक होना चाहिए। अब कई ऐसी दवाएं आ गईं हैं, जो गर्भावस्था के दौरान ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित करने में मदद करती हैं।

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मधुमेह का संपूर्ण निदान संभव

जमशेदपुर से आए डा. अनिल विरमानी ने कहा कि शोधों में पता चला है कि टाइप-2 डायबिटीज संयमित जीवन शैली और 15 फीसद तक वजन नियंत्रित कर इसे पूरी तरह खत्म कर सकते हैं। इसके लिए मरीजों को अपने खानपान, जीवन शैली में सुधार करना पड़ता है। साथ ही नियमित व्यायाम भी करना पड़ता है। वहीं, मुंबई से आए सेक्स रोग विशेषज्ञ डा. दीपक जुमानी ने मधुमेह रोगियों में नपुंसकता के इलाज पर चर्चा की। इसके अलावा डा. यूके शर्मा, डा. नंदिनी रस्तोगी, डा. केवीएस हरी कुमार एवं डा. अशोक कुमार सिंह, डा. शैलेंद्र कुमार सिंह ने मधुमेह की समस्या के निदान की जानकारी दी।


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