कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। कुछ करने की चाह और जुनून हो तो मुश्किल लक्ष्य को भी आसानी से हासिल किया जा सकता है, फिर वह चाहे कोई रिकार्ड ही क्यों न हो। अपनी मेहनत और लगन से कुछ इसी तरह का काम कर दिखाया है शहर के कराटे खिलाड़ी दिव्यांश कीर्ति दीक्षित ने। वैसे तो ये किक चलाकर पदक झटकते हैं, पर इस बार उन्होंने रिकार्ड तोडऩे का काम बॉक्सिंग पंच लगाकर किया है। दिव्यांश ने एक मिनट में एक हाथ से 314 पंच लगाकर इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। इससे पहले यह रिकार्ड 292 पंच दागने वाले ओडिशा के अभि कुमार के नाम था।
कराटे में जीत चुके हैं कई पदक
नौबस्ता के पशुपति नगर निवासी एलआइसी कर्मी संजय दीक्षित के 15 वर्षीय बेटे दिव्यांश कराटे में कई राष्ट्रीय पदक जीत चुके हैं। वह अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रशिक्षक बंसत कुमार सिंह के हुनरमंद खिलाडिय़ों में शुमार हैं। यूपी किराना स्कूल में दसवीं के इस छात्र ने तीन राष्ट्रीय, पांच प्रदेशस्तरीय सहित कई जिलास्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक झटके हैं।
टेलीविजन पर रिकार्ड देखकर जागी जिज्ञासा
दिव्यांश बताते हैं कि लॉकडाउन में घर के अंदर रहकर कुछ नया करने की ठानी। कोच के दिशा-निर्देश पर कराटे के साथ घर पर ही पंचिंग का अभ्यास शुरू किया। टेलीविजन पर भारत के नए-नए रिकार्ड में ओडिशा के अभि कुमार के पंचिंग रिकार्ड के बारे में देखकर जिज्ञासा जागी। एक माह कड़े अभ्यास के बाद एक मिनट में एक हाथ से 314 पंच का रिकार्ड बनाया, जिसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया।
कोच बन पिता ने दिखाई राह
दिव्यांश ने बताया कि पिता ने कोच की तरह इस रिकार्ड को बनाने में हर समय मेरा मार्गदर्शन किया। वे पंचिंग करते समय स्किल व स्पीड के साथ डायरेक्शन की बारीकियों के बारे में बतातें थे। पिता स्वयं क्रिकेटर और बहन ऐश्वर्या बास्केटबॉल की स्टेट खिलाड़ी रही हैं, इसलिए अभ्यास में हमेशा मदद मिली। मां कीॢत दीक्षित के सपने को पूरा करने के लिए अब दिव्यांश का लक्ष्य गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज इटली के 452 पंच के रिकार्ड की ओर है।
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