जिला सहकारी बैंक का कर्ज न चुकाया तो किसानों को देना होगा चार गुना ब्याज, 30 जून तक का मौका
जिला सहकारी बैंक ने लोन लेने वाले किसानों को 30 जून तक का मौका दिया है। जिले ढाई हजार किसानों पर 30 करोड़ रुपया बकाया है और तय तिथि के बाद 12 फीसद ब्याज लगेगा। वित्तीय वर्ष खत्म होने पर ब्याज ज्यादा देना होगा।
कानपुर, जेएनएन। अपनी वसूली प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए जिला सहकारी बैंक ने किसानों से कहा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में उन पर जो बाकी है, वे उसे 30 जून तक जमाकर दें। ऐसा न होने पर उन्हें 12 फीसद ब्याज देना होगा। जो लोग धन जमा कर देंगे, उनके लिए भी बैंक ने घोषणा की है कि वे चाहें तो फिर ऋण ले सकते हैं। उन्हें मात्र तीन फीसद ब्याज ही देना होगा।
सहकारी बैंक कृषि के लिए अल्पकालीन योजना के तहत एक वर्ष के लिए दो हजार रुपये से दो लाख रुपये तक के लोन देता है। कानपुर जिला सहकारी बैंक अपनी करीब डेढ़ सौ सोसाइटी के जरिए इसका वितरण करता है। यूं तो इस ऋण पर सात फीसद ब्याज होता है, लेकिन चार फीसद अनुदान मिलने की वजह से किसानों को तीन फीसद ही ब्याज देना पड़ता है। एक लोन चुकाने पर ही दूसरा लोन दिया जाता है। जो लोग लोन नहीं चुकाते उन पर 12 फीसद ब्याज शुरू कर दिया जाता है।
इसे जमा करने की तारीख वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद 30 जून होती है। वित्तीय वर्ष 2020-21 खत्म हो चुका है और सहकारी बैंक को ढाई हजार लोगों से 30 करोड़ रुपये लेने हैं। बैंक ने किसानों से संपर्क कर 30 जून तक रकम लौटाने के लिए समझाना शुरू कर दिया है। कानपुर जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालक संजय पांडेय का कहना है कि यदि वे इसे नहीं चुकाएंगे तो एक जुलाई से उस राशि पर 12 फीसद की दर से ब्याज लगने लगेगा। काश्तकार कानपुर नगर व देहात जिले में स्थित किसी भी शाखा में अपना धन चुका सकते हैं। वे ऑनलाइन भुगतान भी कर सकते हैं।