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कोरोना काल में माता-पिता को खोने वाले 28 बच्चे मिले, 11 के लिए कानपुर में बागबां की तलाश

कोविड संक्रमण में माता-पिता को खोने की खबरों को संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय सक्रिय हुआ है। अब जिला प्रोबेशन अधिकारी शहर में ऐसे बच्चों की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 07:56 AM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 07:56 AM (IST)
कोरोना काल में माता-पिता को खोने वाले 28 बच्चे मिले, 11 के लिए कानपुर में बागबां की तलाश
कानपुर में विभाग तलाश रहा अनाथ बच्चे।

कानपुर, जेएनएन। कोविड संक्रमण के दौरान माता-पिता दोनों को खोने वाले 28 बच्चों की जानकारी जिला प्रोबेशन विभाग को मिल चुकी है। इनमें 11 बच्चों के लिए अफसर बागबां ढूंढ रहे हैं। हालांकि ऐसे अन्य बच्चों की तलाश भी अभी भी जारी है। बता दें दैनिक जागरण ने ऐसे कई बच्चों से जुड़ी खबरें प्रकाशित की थीं। इसके साथ ही बेसहारा बच्चों के बागबां बनने की लोगों से अपील भी की थी।

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कोविड संक्रमण में माता-पिता दोनों को खोने की कई खबरें आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था। इसके बाद महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय भी सक्रिय हुआ और जिला प्रोबेशन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई। आनन-फानन में सभी संबंधित विभागों को पत्र भेजकर ऐसे बच्चों की जानकारी मांगी गई। बाल संरक्षण अधिकारी दीप्ति ने बताया कि हम ऐसे बच्चों की सूची भी बना रहे हैं जिन्होंने अपने माता-पिता में से किसी एक को भी खोया है। कुल 28 बच्चों की सूची तैयारी की गई है जिसमें 11 बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता दोनों की मौत हो चुकी है।

17 बच्चों के एक अभिभावक हैं जीवित

बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि 17 बच्चे ऐसे हैं जिनके एक अभिभावक जीवित हैं। उन्हें भी सूची का हिस्सा बनाया गया है। इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी अभय कुमार से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन नहीं उठा।

रक्त संबंधी हैं तो नहीं होगी एडाप्सन में समस्या

बाल मामलों के जानकार बताते हैं कि ऐसे बच्चे जिनके पिता के रक्त संबंधी यानि भाई, माता-पिता उन्हें रखना चाहते हैं तो गोद लेने की प्रक्रिया में कोई समस्या नहीं आएगी, जबकि रिश्तेदार यदि बच्चों को रखना चाहते हैं तो उन्हें विधिक रूप से बच्चे गोद लेने होंगे। इसके विपरीत यदि कोई बच्चों का कोई नहीं है तो उन्हें केंद्रीय दत्तक ग्रहण ईकाई की एडाप्सन प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। इसके बाद ही बच्चे गोद दिए जा सकेंगे।


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