बरेलवी मसलक के शहरकाजी के खिलाफ फतवे का वायरल ऑडियो की मुस्लिमों में चर्चा
देवबंदी शहरकाजी के इंतकाल पर बरेलवी शहरकाजी ने मलाल जताया था जिसपर बिहार के मौलाना ने फतवा जारी किया है।
कानपुर, जेएनएन। देवबंदी मसलक के मरहूम शहरकाजी के इंतकाल के बाद रंज-ओ-गम का इजहार करने, उनके कार्यों की तारीफ करने पर बिहार के एक मौलाना ने बरेलवी मसलक के शहरकाजी के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। फतवे का आडियो वायरल होने के बाद मुस्लिमों के बीच इसकी चर्चा हो रही है। कई लोगों ने फतवे पर नाराजगी जताई है।
हाल में देवबंदी मसलक के शहरकाजी का इंतकाल हुआ। हर धर्म के लोगों ने गम जताया। बरेलवी मसलक के शहरकाजी ने इंतकाल पर ताजियत (गमी) की। उन्होंने देवबंदी शहरकाजी के सामाजिक व शैक्षिक कार्यों की भी तारीफ की थी। यह बिहार के सीवान में रहने वाले मौलाना शमीम नूरी को इतना अखर गया कि उन्होंने फतवा दे दिया। फतवे में नए सिरे से कई कार्य दोबारा करने को कहा है।
शहरकाजी के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े किए हैं। सीवान के ये मौलाना पहले कानपुर में थे, पहले भी विवादों में उनका नाम आ चुका है। उधर, शहरकाजी ने फतवे पर टिप्पणी करने से मना किया है। फतवे पर सुन्नी उलमा काउंसिल ने नाराजगी जताई है। काउंसिल के महासचिव हाजी मोहम्मद सलीस ने कहा कि इस तरह के फतवे कौम को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
देश की एकता और भाईचारे के लिए कई मौके होते हैं जब सभी मसलकों के जिम्मेदारों को साथ होना पड़ता है। गौरतलब है कि माहौल खुशगवार बनाने, नफरत मिटाने के लिए दोनों शहरकाजी ने मिलकर कई बार कार्य किए हैं। जब भी शहर का माहौल बिगड़ा दोनों शहरकाजियों ने कमान संभाल कर उसे बेहतर बनाने की कोशिश की।