स्कूल महानिदेशक ने पूछा, परिषदीय विद्यालयों में क्यों नहीं लग पाए स्मार्ट टीवी व कंप्यूटर
कानपुर की स्थिति भी बेहद खराब है यहां महज 10 से 15 विद्यालयों में ही उक्त संसाधनों के साथ स्मार्ट कक्षाएं संचालित हो रही हैं। जो रिपोर्ट तैयार हुई है उसमें जिले का कोई जिक्र भी नहीं किया गया है
कानपुर, जेएनएन। परिषदीय विद्यालयों का माहौल पूरी तरह से बदल सके, इसके लिए उनमें स्मार्ट टीवी, कंप्यूटर, स्मार्ट इंटेरेक्टिव बोर्ड आदि लगाने के निर्देश करीब छह माह पहले शासन स्तर से जारी हुए थे। हालांकि प्रदेश भर के स्कूलों की जो स्थिति सामने आई है, उसमें सभी की लापरवाही दिख रही है। स्कूल महानिदेशक विजय किरण आनंद ने उन सभी बीएसए से जवाब मांगा है, जो स्कूलों में उक्त व्यवस्था नहीं कर पाए। कानपुर की स्थिति भी बेहद खराब है, यहां महज 10 से 15 विद्यालयों में ही उक्त संसाधनों के साथ स्मार्ट कक्षाएं संचालित हो रही हैं। जो रिपोर्ट तैयार हुई है, उसमें जिले का कोई जिक्र भी नहीं किया गया है। वहीं रिपोर्ट में यह दर्शाया गया है, कि 47 जिलों के अंदर कुल 2336 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाओं का संचालन हो रहा है।
व्यापारी व अन्य जन नहीं कर रहे सहयोग : इस मामले पर बीएसए डॉ.पवन तिवारी ने बताया कि जब स्कूलों में उक्त उपकरणों की व्यवस्था के आदेश जारी हुए थे, तब सामुदायिक सहभागिता से मदद की बात कही गई थी। इसके चलते जिले में कई व्यापारियों व संस्थाओं के प्रतिनिधियों से संपर्क किया गया, हालांकि किसी ने मदद के लिए हामी नहीं भरी।
30 से 50 हजार के बीच हो स्मार्ट टीवी की लागत : स्कूल महानिदेशक विजय किरण आनंद की ओर से जो पत्र जारी किया गया है, उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्कूलों में लगने वाले स्मार्ट टीवी की लागत 30 से 50 हजार के बीच होनी चाहिए।