Kanpur Scam: डिजिटल सिग्नेचर खोलेगा शादी अनुदान फर्जीवाड़े का रहस्य, किस एसडीएम ने मंजूर किए आवेदन
कानपुर में शादी अनुदान फर्जीवाड़ा की जांच कमेटी को अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने पत्रावली सौंप दी है। फरवरी 2019 से अबतक तैनात रहे उप जिलाधिकारियों को भी अनुदान से जुड़े मामलों में जवाब देना होगा।
कानपुर, जेएनएन। शादी अनुदान में हुए फर्जीवाड़े की जांच के लिए गठित कमेटी को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने पत्रावलियां सौंप दी हैं। समाज कल्याण विभाग भी सारे अभिलेख दे चुका है। ऐसे में अब विस्तृत जांच शुरू होगी। सदर तहसील में फरवरी 2019 से अब तक और अन्य तहसीलों में फरवरी 2020 से अब तक के आवेदन पत्रों की जांच होगी और जानने का प्रयास किया जाएगा कि कितने आवेदन पत्रों को किस एसडीएम ने सत्यापित किया। संबंधित विभागों के मुख्यालय से डिजिटल सिग्नेचर की डिटेल मांगी जाएगी। इसी से एसडीएम का नाम पता चल सकेगा।
शादी अनुदान में हुआ फर्जीवाड़ा सिर्फ लेखपालों के ही गले की फांस नहीं बनेगा बल्कि कानूनगो, एसडीएम व तहसीलदार भी जांच के दायरे में होंगे। इसलिए जांच टीम लेखपाल, कानूनगो, एसडीएम और तहसीलदार के कार्यकाल का विवरण भी जुटाएगी। लेखपाल और कानूनगो का क्षेत्र भी देखा जाएगा ताकि यह पता चल सके कि किसी लेखपाल या कानूनगो ने दूसरे के क्षेत्र के आवेदन पत्र को सत्यापित तो नहीं किया।
उप जांच कमेटियां बनेंगी
तीन विभागों की पत्रावलियों की जांच होनी है। चार हजार आवेदन पत्रों को सत्यापित करना है। एडीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी उप जांच कमेटियां बनाएगी। ये उप कमेटियां ही घर-घर जाएंगी और पड़ताल कर अपनी आख्या देंगी।
धोखाधड़ी का मुकदमा होगा
अपात्र होने के बाद भी खुद को पात्र बताकर आवेदन करने वालों के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। जिन्होंने अनुदान प्राप्त कर लिया होगा, उनसे भू राजस्व की भांति वसूली होगी। पांच लोगों के विरुद्ध मुकदमा हो चुका है।