दुनिया देखेगी पूरब के मैनचेस्टर की युद्धक शक्ति, डिफेंस एक्सपो की शान होंगी धनुष और सारंग
पांचों आर्डनेंस फैक्ट्रियों के विश्वस्तरीय रक्षा उत्पाद रक्षा प्रदर्शनी में शामिल होंगे।
कानपुर, जेएनएन। क्रांति, कलम और उद्योगों की धरा कानपुर युद्ध के मैदान में कितनी अहम है, पांच फरवरी से लखनऊ में लगने वाले डिफेंस एक्सपो में यह बात दुनिया जानेगी। इसमें कानपुर की आर्डनेंस फैक्ट्रियों में बनी धनुष और सारंग जैसे तोपें होंगी तो कई मशीनगन, पिस्टल जैसे छोटे हथियार भी होंगे। मैदान में सैनिकों की जरूरत पूरी करने वाला हर सामान एक्सपो की शान बनेगा।
मेक इन इंडिया के तहत बनीं तोपें
आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) की कानपुर में पांच फैक्ट्रियां हैं। इनमें तोप से लेकर हल्के हथियार, पैराशूट, सैनिकों के लिए कपड़े और युद्ध के मैदान में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री का निर्माण किया जाता है। इन्हीं फैक्ट्रियों में धनुष और सारंग तोपों को मेक इन इंडिया के तहत विकसित किया गया है। कई मशीनगनें व आधुनिक रिवाल्वर भी बन रहे हैं। एक्सपो में धनुष और सारंग के अलावा ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन (जेवीपीसी), लंबी दूरी तक मार करने वाली निशंक रिवाल्वर, निर्भीक रिवाल्वर, क्रैंपन शूज, सेफ्टी शूज और पैराशूट भी प्रदर्शन के लिए रखे जाएंगे।
प्रदर्शनी में होगा भाभा कवच
आर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री में बनी बुलेट प्रूफ जैकेट भाभा कवच को भी रखा जाएगा। विशुद्ध भारतीय तकनीक से बने इन सैन्य उत्पादों की विशेषता यह है कि यह सभी वैश्विक बाजार में मुकाबले के अनुरूप बने हैं। इनकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक सही है। एक्सपो को लेकर आर्डनेंस के अधिकारी उत्साहित हैं, उनका मानना है कि इस एक्सपो से उन्हें बड़ा प्लेटफार्म मिलने जा रहा है। इससे वे वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर सकेंगे।
एक्सपो में ये होंगे आकर्षण
- धनुष तोप : अंतरराष्ट्रीय मानक 155 एमएम 45 कैलिबर की यह गन स्वदेशी तकनीक पर विकसित की गई है। इसका वजन और मारक क्षमता 155 एमएम 39 कैलिबर विदेशी तोप बोफोर्स से ज्यादा है।
- सारंग तोप : ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड द्वारा विकसित सारंग तोप 155 एमएम कैलिबर की है। इसके बैरल की लंबाई 7035 एमएम और वजन 8450 किग्रा, जबकि मारक क्षमता 36 किलोमीटर है।
- माउंटेड गन सिस्टम : आयुध निर्माणी कानपुर (ओएफसी) ने सेना के ट्रक में लगाई जाने वाली खास तरह की माउंटेड गन सिस्टम तोप विकसित कर ली है। 40 किमी से अधिक दूरी तक मार करने वाली इस तोप को पहाड़ों और रेगिस्तान में भी आसानी से पहुंचाया जा सकेगा।