कानपुर में कथक, हरिनाम व मंत्रा रॉक ने भक्तों को किया मंत्रमुग्ध
इस्कान मंदिर में राधा माधव का दर्शन कर भक्त हुए निहाल ।
जेएनएन, कानपुर : नए वर्ष के आगमन पर शहरवासियों ने इस्कॉन मंदिर में राधा-माधव के दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की। कथक, हरिनाम व मंत्रा रॉक ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कोविड नियमावली का पालन करते हुए युवाओं ने डांस, गायन, क्विज, वीडियो शो, कीर्तन, मंत्रा रॉक व बच्चों ने विभिन्न प्रकार की स्पर्धाओं में प्रतिभाग कर धमाल मचाया।
शुक्रवार को साल के पहले दिन मैनावती मार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चन किया। राधा माधव का मनोहारी श्रृंगार व अभिषेक देखने के लिए भक्त मंदिर परिसर में एकत्र हुए। शारीरिक दूरी व मास्क लगाकर बारी-बारी से दर्शन किए। महिलाओं ने कीर्तन तो बच्चों ने असुर वध व लड्डू गोपाल स्पर्धा में मनोहारी ड्राइंग बनाई। गोपी व कृष्णा टैटू, लाइट द कैंडल, राधा रानी बंगला जैसी प्रतियोगिताओं ने बच्चों का मनोरंजन किया। कृष्णम डांस ग्रुप के विपिन व अखिलेश के कथक की प्रस्तुति ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इस्कॉन द्वारा आयोजित आह्वान कार्यक्रम में विभिन्न आयोजन तीन जनवरी तक कराए जाएंगे। साईं कथा में राष्ट्र सुरक्षा की कामना, कानपुर : वासुदेव साईं विश्व सेवा संस्थान द्वारा नए वर्ष के आगमन पर साईं कथा का आयोजन किया गया। सिविल लाइंस स्थित रागेंद्र स्वरूप ऑडिटोरियम में हुई कथा में कथा वाचक शुभ्रम बहल ने संगीतमयी कथा का वाचन कर श्रद्धालुओं को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। पुजारियों द्वारा गुरु पादुका का पूजन कर राष्ट्र की सुरक्षा और देशवासियों के स्वास्थ्य की कामना की गई। शुभ्रम बहल ने कहा कि हमें प्रतिकूल परिस्थितियों में भी खुश रहने को कोशिश करनी चाहिए।
सद्गुरु मेरे नाथ मेरे अंगना पधारो.. और साईं तुम बड़े दयालु हो जैसे भजनों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। कथा का फेसबुक व यू-ट्यूब पर लाइव प्रसारण किया गया। राज्यमंत्री नीलिमा कटियार, महापौर प्रमिला पांडेय, पार्षद अवनीश खन्ना का व्यास पीठ के महाराज ने सम्मान किया। उन्होंने डॉ. हेमंत मोहन, आरती मोहन, डॉ. राकेश मिश्रा, एसपी श्रीवास्तव को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ. एके श्रीवास्तव, योगेश, सोनिया अरोड़ा, मंजू, दीपा, आदि उपस्थित रहीं। गो आश्रय स्थल में बीमार व स्वस्थ गोवंश के लिए अलग-अलग व्यवस्था, कानपुर : मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने जाना गांव स्थित नगर निगम के गो आश्रय स्थल का निरीक्षण किया। उन्होने वहां बीमार व स्वस्थ गो-वंश को एक साथ रखे जाने पर नाराजगी जताई। कहा कि बीमार व स्वस्थ गो वंश को अलग- अलग रखें। उनके बेहतर उपचार की व्यवस्था करें। दो माह के अंदर चार नए शेड बनाएं। उन्हें बताया गया कि गो आश्रय स्थल में कुल सात शेड हैं। 35 सौ गोवंश रखे गए हैं। इनमें 60 प्रतिशत गाय और बाकी बैल हैं। प्रत्येक शेड में लगभग तीन सौ गोवंश रह सकते हैं। इसलिए उचित देखभाल के लिए इस स्थान पर तीन से चार शेड और बनना चाहिए। मंडलायुक्त ने कहा कि सभी गो वंश की टैगिग कराएं।