Move to Jagran APP

आयकर रिटर्न भरने में गलतियां करके शिक्षक उठा रहे नुकसान

अधिकारियों के अनुसार आधे से ज्यादा शिक्षक बचत कर अपने को उस सीमा में ले आते हैं जो करयोग्य नहीं होती है। इसीलिए वे रिटर्न नहीं भरते जबकि उन्हें रिटर्न फाइल करना चाहिए।

By Edited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 01:45 AM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 10:45 AM (IST)
आयकर रिटर्न भरने में गलतियां करके शिक्षक उठा रहे नुकसान
आयकर रिटर्न भरने में गलतियां करके शिक्षक उठा रहे नुकसान
जागरण संवाददाता, कानपुर : आयकर टीडीएस के अधिकारी, कर्मचारी शिक्षा विभाग से सबसे ज्यादा परेशान हैं। दूसरों को पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ाने वाले विभाग के डीडीओ जो टीडीएस रिटर्न भेज रहे हैं, उसमें गलतियां रुकने का नाम नहीं ले रहीं। हर माह पूरे जिले से जितनी शिकायतें आती हैं, उसमें से 60 फीसद शिकायतें अकेले शिक्षा विभाग से आती हैं। अधिकारियों के मुताबिक आधे से ज्यादा शिक्षक रिटर्न नहीं भर रहे हैं, वरना ये संख्या और अधिक होती।
टीडीएस विभाग के पास हर माह करीब पांच सौ करीब शिकायतें आती हैं। करदाता ये शिकायतें इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें आयकर की वेबसाइट पर फार्म 26एएस नहीं दिखता। ऐसा तब होता है जब टीडीएस रिटर्न नियमानुसार दाखिल नहीं होता है। इनमें किसी में नाम गलत है तो किसी में पैन नंबर। इससे उन्हें आयकर रिटर्न में लाभ नहीं मिल रहा है।
आयकर का प्रोसेसिंग विभाग टीडीएस की उसी राशि का लाभ देता है, जो फार्म 26एएस में दिखती है। अगर ऐसा नहीं होता तो उसकी मांग आ जाती है। ऐसा होने पर ही जानकारी होती है कि टीडीएस रिटर्न सही जमा हुआ या नहीं। ये गलतियां दूर होने पर ही टीडीएस कटवाने वाले को उसका लाभ मिलता है। कानपुर में डीआइओएस और बीएसए के अधीन करीब पंद्रह हजार शिक्षक हैं।
अधिकारियों के अनुसार आधे से ज्यादा शिक्षक बचत कर अपने को उस सीमा में ले आते हैं जो करयोग्य नहीं होती है। इसीलिए वे रिटर्न नहीं भरते जबकि उन्हें रिटर्न फाइल करना चाहिए। इसीलिए उन्हें जानकारी भी नहीं होती कि उनका जो टीडीएस कटा है, वह सही तरीके से भरा गया है या नहीं। जब उनका वेतन ज्यादा हो जाता है और उन्हें रिटर्न दाखिल करना पड़ता है, तभी उन्हें इन गलतियों की जानकारी होती है। हर माह इन गलतियों को ठीक कराया जाता है लेकिन अगले माह फिर किसी दूसरे के टीडीएस में गलतियां आ जाती हैं।  
इनका कहना है
अभी बाहर के सीए की सेवाएं ले रहे थे। उन्होंने कई और जिलों का कार्य ले रखा था। अब स्थानीय सीए की सेवाएं ली हैं। उनसे कभी भी गलती होने पर सहयोग लिया जा सकता है। उम्मीद है कि अगली तिमाही से ये गलतियां खत्म हो जाएंगी। - प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसए, कानपुर नगर।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.