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स्वाद ऐसा कि मुंह में आ जाए पानी, जब-जब कानपुर में जुबां पर आए ध्रुव ठेले वाले का नाम

कानपुर के पी रोड पर दो दशक से भी ज्यादा समय से लोगों को अपने व्यंजन के स्वाद का मुरीद बना चुके ध्रुव तिवारी का नाम लोगों की जुबां पर छाया है। हर शाम कनपुरिया अंदाज और बेजोड़ स्वाद के लिए उनके ठेले पर भीड़ लगती है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 04:05 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 04:05 PM (IST)
स्वाद ऐसा कि मुंह में आ जाए पानी, जब-जब कानपुर में जुबां पर आए ध्रुव ठेले वाले का नाम
बेजोड़ है कानपुर शहर का जायका ।

कानपुर, जागरण संवाददाता। अगर स्ट्रीट फूड की बात की जाए तो हो सकता है दिल्ली, लखनऊ और कानपुर के लोगों में जंग छिड़ जाए। अरे किसी और जंग की नहीं, यहां बात हो रही है स्वाद वाली जंग की। अब भाई क्योंकि अभी स्वाद कानपुर का है तो बात भी कानपुर की ही होगी। कानपुर का अंदाज और खाने का स्वाद हर किसी की जुबां पर रहता है, फिर चाहे वो देश के प्रधानमंत्री ही क्यों न हों।

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स्वाद के शौकीन इस शहर में कई ऐसे स्ट्रीट फूड वाले हैं जहां लोगों की लंबी भीड़ लगी रहती है। इस कड़ी में पी रोड स्थित शत्रुघ्न पार्क जाने वाली मुख्य रोड पर छोटे खस्ते, मटर-पापड़ी और धनिया आलू की बात ही निराली है। ब्रह्मनगर निवासी ध्रुव कुमार तिवारी 25 वर्षों से अपने जायके से लोगों को दीवाना बना चुके हैं।

वह बताते हैं कि उनकी दुकान में मिलने वाले सभी आइटम घर में ही तैयार होते हैं। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। हरा धनिया, मिर्च, पुदीना मिलाकर चटपटा धनिया आलू तैयार किया जाता है। वहीं, मटर-पापड़ी और खस्ते में मटर को कोयले की आग में गर्म करके परोसा जाता है।

जायके को बढ़ाने के लिए घर में ही पिसे मसाले मिलाए जाते हैं। प्रकृति का भी ख्याल रखने वाले ध्रुव ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए कागज या अन्य प्लेट की बजाय पत्तों का प्रयोग किया जाता है। छोटे खस्तों को मटर और धनिया आलू के साथ दिया जाता है, जिसका स्वाद अनूठा होता है। ध्रुव की तरह ही उनके दो और भाई भी शहरवासियों की जुबान पर स्वाद का तड़का लगाते हैं।

महिलाओं व बच्चों की जुबान पर है ध्रुव खस्ते वाले का नाम : क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक स्वच्छता और स्वाद के मामले में ध्रुव के खस्तों का कोई तोड़ नहीं। यहां पर हरे आलू और मटर पापड़ी तय समय तक ही

मिलती है। प्रतिदिन सीमित मात्रा होने के कारण ठेला लगते ही स्वाद के शौकीनों की भीड़ लगी रहती है।


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