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चित्रकूट में रेलवे ट्रैक पर मिला नर भालू का शव, शरीर से कई अंग गायब, ट्रेन से कटकर गई जान

जनपद के मानिकपुर तहसील अंतर्गत रानीपुर वन्यजीव विहार का जंगल फैला है। जिससे बीच के मुंबई -हावड़ा रेलवे ट्रैक गुजरा है। वन्य जीव विहार में विचरण करने वाले जीव जंतु अक्सर ट्रेन की चपेट में आकर काल के गाल समा जाते हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 05:05 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 05:05 PM (IST)
चित्रकूट में रेलवे ट्रैक पर मिला नर भालू का शव, शरीर से कई अंग गायब, ट्रेन से कटकर गई जान
चित्रकूट में भालू का शव मिलने के बाद उसका पोस्टमार्टम भी किया गया।

चित्रकूट, जेएनएन। मुंबई हावड़ा रेलमार्ग के मारकुंडी थाना अंतर्गत मारकुंडी-टिकरिया स्टेशन के बीच बुधवार रात ट्रेन के चपेट में आने से भालू की मौत हो गई। नर भालू के कई अंग गायब बताए जा रहे हैं। वन विभाग ने तीन सदस्यीय पैनल से पोस्टमार्टम करा शव का अंतिम संस्कार कर दिया है।  

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ये है पूरा मामला: जिले में मानिकपुर तहसील अंतर्गत रानीपुर वन्यजीव विहार के जंगलों के बीच से मुंबई-हावड़ा रेलवे ट्रैक गुजरा है। वन्य जीव विहार में विचरण करने वाले जंगली जानवर अक्सर ट्रेनों की चपेट में आ जाते हैं। इसके बावजूद सुरक्षा को लेकर कोई विशेष इंतजाम नहीं किए गए हैं। इसका खामियाजा एक नर भालू को भुगताना पड़ा। गुरुवार सुबह गैंगमैन रेलवे ट्रैक का निरीक्षण कर रहे थे, तभी मारकुंडी व टिकरिया रेलवे स्टेशन के बीच अप व डाउन ट्रैक के मध्य भालू का शव पड़ा मिला। सूचना पर वन विभाग के मारकुंडी रेंजर रमेश कुमार यादव, वन्य जीव विहार के रेंजर रवि कुमार द्विवेदी कर्मचारियों के साथ पहुंचे। संभावना है कि बुधवार रात रेलवे ट्रैक पार करते समय भालू ट्रेन की चपेट में आया। ग्रामीणों के मुताबिक, भालू के शरीर से कई अंग गायब मिले हैं। इससे शिकार किए जाने की भी आशंका है। रेंजर रवि ने बताया कि भालू के शव का डॉ. गौरव कुमार, दिलीप कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने पोस्टमार्टम किया है। पोस्टमार्टम के बाद मृतक भालू का दाह संस्कार कर दिया गया। कोई अंग गायब नहीं हंै। कुछ अंग क्षतिग्रस्त जरूर हुए हैं। 

सीमा विवाद में उलझे रहे रेंजर: वन्य जीव विहार और वन विभाग रेंज के वन क्षेत्राधिकारी सीमा क्षेत्र को लेकर आपस में भिड़ गए। काफी देर तक एक-दूसरे के क्षेत्र का मामला होने को लेकर बहस हुई। उच्चाधिकारियों से भी बात की और बाद में रेंजर रमेश कुमार यादव मौके से चले गए। 


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