बेटे की तरह पाला था, गंदी आदत के लिए मना किया तो बेटी ने छोड़ दी दुनिया
पिता की डांट से क्षुब्ध होकर युवती ने आग लगाकर जान दे दी।
कानपुर, जेएनएन। एक बेटी होने पर पिता ने बेटे की चाहत छोड़ दी थी और उसका ही बेटे की तरह लालन पालन करने लगे थे। उन्हें क्या पता था कि किसी दिन उनकी एक बात बेटी को इतनी चुभ जाएगी कि वो अपनी जीवन लीला समाप्त कर उसे बेसहारा छोड़ जाएगी। रविवार को ऐसी ही घटना शास्त्री नगर में हुई, पिता की डांट से क्षुब्ध बेटी ने खुद को आग लगाकर जान दे दी।
शास्त्रीनगर में रहने वाले कमल किशोर पेशे से बिजली मिस्त्री हैं। 24 साल पहले पत्नी ने बेटी को जन्म दिया तो वो काफी खुश थे। उन्होंने तय कर लिया था कुछ भी हो बेटी को ही बेटे की तरह पालेंगे और वही उनके बुढ़ापे का सहारा बनेगी। चौबीस साल की उनकी मनीषा बीए पास कर चुकी थी। बेटी के इच्छा जताने पर कमल किशोर ने उसे सिलाई कढ़ाई सीखने की अनुमति दे दी थी। चचेरे भाई अरविंद ने बताया कि मनीषा कुछ समय से गुटका (पान मसाला) खाने लगी थी। चाचा कमल किशोर को इस बात का पता चला तो समझाने की कोशिश की लेकिन मनीषा नहीं मानी।
शनिवार रात खाना बनाने के दौरान गुटखा खाते देखकर कमल किशोर ने मनीषा को डांट दिया था। इसके बाद मनीषा अपने कमरे में गई और दरवाजा बंद करके खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। चीख-पुकार सुनकर घर वाले दौड़े और आग बुझाकर गंभीर हालत में मनीषा को एलएलआर अस्पताल ले गए। रविवार सुबह इलाज के दौरान मनीषा की मौत हो गई। अरविंद ने बताया कि चाचा का मनीषा ही उनका इकलौता सहारा थी। बेटी की मौत से कमल किशोर बदहवास हो गए।