फंदा बनाकर फांसी पर लटक गई बेटी और उसे रोक न पाई सामने बैठी बेबस मां
आवाज सुनकर पड़ोसी महिला पहुंचीं तो किचन में ज्योति का शव लटका देखकर दृष्टिहीन मां रेखा को बताया तो वह खुद को कोसने लगीं।
कानपुर, जेएनएन। एक मां के लिए उसकी संतान सबसे प्यारी होती है, वह चाहे बेटा हो या फिर बेटी। वह उसे हमेशा अपनी आंखों के सामने ही रखना चाहती है लेकिन एक बेबस मां सामने बैठी रही और उसकी बेटी फंदा बनाकर फांसी पर लटक गई। वहां पहुंचे लोगों ने जब उस मां को बेटी के फांसी लगाकर जान देने की बात बताई ताे वह दृष्टिहीनता को लेकर खुद को कोसती रही। बेबस मां की स्थिति ने हर किसी को झकझोर दिया।
काकादेव के विजयनगर में रहने वाले आरटीओ दफ्तर के कर्मचारी रामखिलावन की इकलौती बेटी ज्योति आइटीआइ करने के बाद बीए कर चुकी थी। रामखिलावन की आंखों की रोशनी कमजोर है और उनकी पत्नी रेखा दृष्टिहीन हैं। स्वजन ने बताया कि बुधवार सुबह रामखिलावन के ड्यूटी पर जाने के बाद बेटा दीपक दोस्तों से मिलने निकल गया था। रेखा और ज्योति घर में अकेले थीं।
दृष्टिहीन रेखा घर पर बनी रहीं और सामने ही ज्योति ने किचन में कुंडे से दुपट्टे का फंदा बनाया और फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। दोपहर बाद रेखा ने बेटी को कई बार आवाज दी तो कोई जवाब नहीं मिला। उनकी आवाज सुनकर पड़ोसी महिला पहुंचीं तो किचन में ज्योति का शव लटका देखकर रेखा को बताया। बेटी की खुदकशी की बात सुनते ही वह खुद को कोसने लगीं।
पिता व भाई ने बताया कि ज्योति के हाथ व चेहरे पर सफेद दाग थे। उसकी शादी के लिए रिश्ता देख रहे थे। इसी बीच बेटी की आंख की रोशनी भी कमजोर हो गई। इस वजह से एक रिश्ता भी टूट गया। तब से ज्योति डिप्रेशन में रहने लगी थी। संभवत: इसी वजह से उसने फांसी लगा ली। थाना प्रभारी ने बताया कि फॉरेंसिक टीम बुलाकर जांच कराई गई लेकिन मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।