कानपुर की सड़कों को बदसूरत कर रहे पैचवर्क के काले धब्बे, बारिश में खुली जाती ठेकेदारों की पोल
भैरोघाट में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए एक माह पहले पैचवर्क कराया गया था। यहां फैली बजरी पैचवर्क की गुणवत्ता की पोल खोल रही है। क्षेत्र के राजेश सिंह धन्नू ने बताया कि इससे अच्छी तो पहले सड़क थी।
कानपुर, जेएनएन। जख्मी सड़क पर मरहम लगाने के नाम पर खेल हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद भी सड़कों के पैचवर्क के नाम पर केवल तारकोल डाला जा रहा है। इसके चलते कुछ ही दिनों में वह उखडऩे लगता है। इससे फैली बजरी वाहन सवारों के लिए मुसीबत बन जाती है। नगर निगम ने इस बार भी बरसात से पहले सड़कों का पैचवर्क शुरू कराया, लेकिन तमाम जगह सड़कें उखड़ गई हैं। भैरोघाट में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए एक माह पहले पैचवर्क कराया गया था। यहां फैली बजरी पैचवर्क की गुणवत्ता की पोल खोल रही है। क्षेत्र के राजेश सिंह, धन्नू ने बताया कि इससे अच्छी तो पहले सड़क थी। गड्ढे दूर से दिखायी दे जाते थे। अब बजरी फैली होने से सड़क ज्यादा खतरनाक हो गई है।
सड़क का हाल
- सड़क - भैरोघाट से मैगजीन घाट के बीच में
- लंबाई - लगभग चार सौ मीटर
- पैचवर्क हुआ - एक माह पहले
- लागत - 5.70 लाख
- कंपनी- मेसर्स श्रीराम इंटरप्राइजेज
- स्थिति- चौतरफा फैली बजरी
पैचवर्क का मानक : पैचवर्क करने से पहले गड्ढे को ठीक से साफ किया जाए। इसके बाद गिट्टी की डस्ट और मिट्टी मिलाकर गड्ढे को भरा जाए। इसके बाद लोडर चलाकर उसको दबाया जाए। तारकोल मिलाकर गिट्टी का लेप किया जाए।
होता क्या है : गड्ढों को बिना साफ किए गिट्टी और तारकोल मिलाकर भर दिया जाता है। ऐसे में सड़क उखड़ जाती है और तारकोल कम होने के कारण बजरी फैल जाती है।
इनका ये है कहना
- घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी। फिर से सड़क ठीक कराई जाएगी और अभियंता से भी जवाब तलब किया जाएगा। - एसके सिंह, मुख्य अभियंता नगर निगम