भाजपा के लिए डैमेज कंट्रोल की चुनौती
जागरण संवाददाता, कानपुर : संगठन में अंत्योदय का फार्मूला लागू करते हुए ही भाजपा ने बीते सभी चुनावी क
जागरण संवाददाता, कानपुर : संगठन में अंत्योदय का फार्मूला लागू करते हुए ही भाजपा ने बीते सभी चुनावी किले फतह किए हैं। अब 2019 लोकसभा चुनाव क रूप में बड़ा लक्ष्य सामने है, लेकिन स्थितिया नेताओं को असहज कर देने वाली हैं। बड़ी चुनौती यह है कि जिन कार्यकर्ताओं के बलबूते चुनाव जीतना है, वही अपनी सरकार के कामकाज से खुश नहीं हैं।
लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी भाजपा के लिए चुनौतियां मुंह फाड़ती ही जा रही हैं। गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव इशारा कर चुके हैं कि विपक्षी एकजुटता से कड़ा मुकाबला संभावित है। इससे बड़ी मुश्किल यह है कि पार्टी के लिए पसीना बहाते रहे कार्यकर्ताओं का मन इस दफा कुछ खट्टा है। गत दिवस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर कार्यकर्ताओं को समझाने आए कि कैसे जनता के बीच सरकार की योजनाएं ले जानी हैं, तो पार्षद धीरू त्रिपाठी, नीरज दीक्षित सहित सभी मंडल अध्यक्षों ने सवाल उठाए कि हम जनता के सवालों का क्या जवाब दें। भाजपा नेता जिन योजनाओं पर अपना कॉलर खड़ा करना चाहते हैं, उन्हीं की समीक्षा कर कार्यकर्ताओं ने सवाल खड़े कर दिए। अपनी ही सरकार के उनकी किस तरह उपेक्षा हो रही है, यह उलाहना भी प्रदेश उपाध्यक्ष के सामने खूब रखा।
उसके बाद पार्टी के निर्देशानुसार मंडल स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलनों की रूपरेखा तो तय कर दी गई है, लेकिन स्थानीय पार्टी नेता खुद माथा पकड़े बैठे हैं कि यदि कार्यकर्ताओं के दिल में इतनी नाराजगी बैठी है तो चुनाव में वह कितने मनोयोग से काम करेंगे।