पेटीएम और फिनो कंपनी के एटीएम कार्ड बांटते थे साइबर ठग, क्राइम ब्रांच खंगाल रही 50 खाते
क्राइम ब्रांच की टीम ने तीन साइबर ठगों को पकड़कर बैंक खातों से रकम पार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। पूछताछ में सामने आया है कि पेटीएम और फिनो कंपनी के एटीएम कार्ड बांटकर ठगी का जला बिछाया गया था।
कानपुर, जेएनएन। रजिस्ट्री का डाटा चोरी कर बैंक खातों से रकम उड़ाने वाले तीन साइबर ठगों को क्राइम ब्रांच ने दबोच कर गिरोह का भंडाफोड़ किया था। आरोपितों से हुई पूछताछ में सामने आया है कि वे पेटीएम और फिनो कंपनी के एटीएम कार्ड देने का काम करते थे। वह ग्राहकों से आधार कार्ड और खाते के बारे में जानकारी लेते थे और फिर रकम उड़ाते थे। छानबीन में आरोपितों के 50 खाते मिले हैं। फरार चल रहे सरगना की तलाश में क्राइम ब्रांच दबिश दे रही है।
क्राइम ब्रांच ने शनिवार को गोविंद नगर में छापेमारी करके फतेहपुर जाफराबाद के सगरा निवासी शिवम, उसके पड़ोसी स्नातक छात्र अभय पांडेय और घाटमपुर से आइटीआइ करने और कैफे चलाने वाले सौरभ को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के पास से सवा लाख नकदी, बायोमेट्रिक मशीन, एटीएम कार्ड, फर्जी तरीके तैयार किए गए आधार, पैन, आरोग्य कार्ड, चेकबुक, प्रिंटर बरामद हुआ था। शातिर प्रदेश सरकार की नामी वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्री का डाटा चोरी करते थे, जिससे उन्हें नाम, पता, पिता का नाम, मोबाइल नंबर, बैंक खाता, पैन नंबर व अंगूठे का निशान आसानी से मिल जाता था।
क्राइम ब्रांच टीम के मुताबिक शिवम पहले एक निजी कंपनी के लिए आधार कार्ड बनाने का काम करता था। वर्ष 2017 में यूपी एसटीएफ ने उसे जेल भेजा था। जेल में उसने साइबर अपराध की बारीकियां सीखी थीं। वहीं सौरभ ने तहसील में डाटा फीडिंग के दौरान रजिस्ट्री के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को जाना था। क्राइम ब्रांच के मुताबिक शिवम और सौरभ मिलकर पेटीएम और फिनो कंपनी के एटीएम कार्ड बांटने का काम भी करते थे। वह बैंक के लिए लोगों से आधार कार्ड, पैन कार्ड लेकर उनके फर्जी दस्तावेज तैयार करके धोखाधड़ी करते थे। पकड़े गए आरोपितों के 50 खातों के बारे में जानकारी मिली है। देखा जाएगा कि किस खाते से इनके खातों में रकम ट्रांसफर की गई हैं।
पिछली घटनाओं पर चल रही छानबीन : बर्रा, हरवंशमोहाल और घाटमपुर थाना क्षेत्र में आधार कार्ड के जरिए खातों से रकम उड़ाने के मामलों की शिकायतें आई हैं। सभी शिकायतों की छानबीन चल रही है। देखा जा रहा है कि पकड़े गए गिरोह से इनका लिंक तो नहीं है।
- आरोपितों के 50 से अधिक खाते होने के बारे में जानकारी हुई है, जिनके स्टेटमेंट निकलवाए गए हैं। छानबीन करने के साथ सरगना की तलाश में दबिश दी जा रही है। -दीपक भूकर, एडीसीपी अपराध