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ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ई-कंटेंट बनाने में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय सबसे पीछे, अब होगी सख्ती

ऑनलाइन व्याख्यान व स्टडी मेटेरियल को लेकर विश्वविद्यालय सख्त है लेकिन शिक्षकों की लापरवाही से ई-कंटेंट के मामले में विवि पीछे चल रहा है। - तीन माह में छात्रों के लिए महज

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 12:25 AM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 12:25 AM (IST)
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ई-कंटेंट बनाने में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय सबसे पीछे, अब होगी सख्ती
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ई-कंटेंट बनाने में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय सबसे पीछे, अब होगी सख्ती

-ऑनलाइन व्याख्यान व स्टडी मेटेरियल को लेकर विश्वविद्यालय सख्त

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- तीन माह में छात्रों के लिए महज दो सौ ई-कंटेंट ही हुए ऑनलाइन जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना वायरस के चलते ऑनलाइन पढ़ाई को गति देने के लिए ई-कंटेट की योजना छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में कारगर नहीं हो पा रही है। तीन माह बीतने के बावजूद यहां सिर्फ दो सौ ई-कंटेट ही बन सके हैं, जबकि विश्वविद्यालय व उससे संबद्ध करीब नौ सो डिग्री कॉलेजों में दस लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनकी संख्या के लिहाज से कम से कम विवि को पांच हजार ई-कंटेंट की जरूरत है।

ऑनलाइन पढ़ाई को सुचारू रूप से चले इसके लिए प्रदेश सरकार ने अधिक से अधिक ई-कंटेंट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। एक माह पहले तक विश्वविद्यालय व संबद्ध डिग्री कॉलेज के शिक्षक डेढ़ सौ से भी कम ई-कंटेंट बना पाए थे। शासन की समीक्षा के बाद विवि ने सख्ती की। इसके बाद भी संख्या महज दो सौ तक ही पहुंच सकी। इससे इतर तमाम ऐसे विश्वविद्यालय हैं जहां अब तक आठ हजार से ज्यादा ई-कंटेंट अपलोड किए जा चुके हैं। कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि शिक्षकों को ज्यादा से ज्यादा ई-कंटेंट बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि पहले शिक्षक चुनिदा विषयों के ई-कंटेंट बना रहे थे, जिनकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय को मिली थी। इनमें अंग्रेजी, यूरोपियन लैंग्वेज, गृह विज्ञान, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग, फार्मेसी व फार्मास्यूटिकल कोर्स शामिल थे। अब ऑनलाइन पढ़ाई के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सभी विषयों व सभी शिक्षकों को ई-कंटेंट बनाने के निर्देश दिए गए हैं।


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