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CSJMU के इस शॉर्ट टर्म कोर्स से बचेगा समय और पैसा, जॉब के लिए नहीं करना होगा इंतजार

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय तैयार कर रहा रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का मसौदा। कंप्यूटर ई-एकाउंटेंसी प्रिंटिंग व तकनीकी से जुड़े अन्य विषय जोडऩे पर डीन व प्रोफेसर ने लगाई मुहर। तीन वर्ष में रोजगार का हुनर लेकर निकलेंगे स्नातक छात्र।

By ShaswatgEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 11:00 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 11:00 AM (IST)
CSJMU के इस शॉर्ट टर्म कोर्स से बचेगा समय और पैसा, जॉब के लिए नहीं करना होगा इंतजार
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। आने वाले समय में स्नातक की डिग्री के साथ छात्र-छात्राएं अपने हाथ में काम करने का हुनर लेकर बाहर निकलेंगे। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ऐसा कोर्स डिजाइन कर रहा है जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल, गणित व विज्ञान जैसे विषयों के साथ कंप्यूटर, ई-एकाउंटेंसी, प्रिंटिंग व तकनीकी से जुड़े अन्य विषय भी शामिल हों। तीन वर्ष तक पढ़ाई करने के बाद उन्हेंं केवल साधारण डिग्री न मिले बल्कि जब वह कॉलेज से उत्तीर्ण होकर निकलें तो उनके पास एक ऐसा कौशल विकास हो जिससे वह सरकारी व निजी संस्थानों में काम के लिए योग्य साबित हो सकें। सामान्य पाठ्यक्रमों में ऐसे कोर्स का आभाव है। 

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आठ लाख छात्र-छात्राएं होंगी लाभान्वित 

विश्वविद्यालय के डीन, प्रोफेसर व विषय समन्वयकों ने ऐसे कोर्स का मसौदा तैयार किए जाने पर अपनी ओर से अनुमति दे दी है। अब शिक्षक और पेशेवर मिलकर ऐसे विषयों का चुनाव करेंगे जो छात्र छात्राओं के मूल विषयों से संबंधित व रोजगारपरक हों। विश्वविद्यालय से संबद्ध एक हजार से अधिक डिग्री कॉलेजों में अध्ययनरत करीब आठ लाख छात्र छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा। प्रोफेशनल कोर्स की बात करें तो विश्वविद्यालय से जुड़े कुछ डिग्री कॉलेजों में बीएससी इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोटेक्नोलॉजी व योगा के कोर्स चलाए जा रहे हैं लेकिन बीए, बीएससी व बीकॉम के सामान्य पाठ्यक्रमों में ऐसे कोर्स का अभाव है। 

इनका ये है कहना 

कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया कि स्नातक की तीन साल तक पढ़ाई करने के बाद छात्र छात्राएं रोजगार के कंप्यूटर, प्रिंटिंग व तकनीकी से जुड़े दूसरे विषयों के शॉर्ट टर्म कोर्स करते हैं। इसमें उनका समय नष्ट होने के साथ पैसा भी खर्च होता है। उनकी योजना है कि स्नातक के तीन वर्ष के समय अंतराल में वह ऐसे कोर्स कॉलेज में ही कर लें जिससे डिग्री लेने के बाद उनके सामने नौकरी के विकल्प खुले हों।

बीटेक में बढ़ेंगे च्वाइस बेस्ड विषय

विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स व मैकेनिकल समेत इंजीनियरिंग की अन्य ब्रांच के छात्र छात्राओं के सामने च्वाइस बेस्ड विषय बढ़ाए जाने की तैयारी है। इससे वह अपनी ब्रांच के साथ दूसरी पसंदीदा ब्रांच के कुछ विषय भी पढ़ सकेंगे। इससे उनके सामने दो अलग अलग ब्रांच में नौकरी करने के रास्ते खुल जाएंगे। अभी कुछ विषयों को इससे जोड़ा गया है जबकि अगले सत्र में विषयों की संख्या बढ़ाई जाएगी।


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