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PM और CM पोर्टल पर शिकायत के बाद CSJMU ने शुरू कराई जांच, छात्रों को कम अंक मिलने का मामला

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री कालेज के छात्र छात्राओं को कम अंक मिलने के मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। कुलपति ने जांच समिति को जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए निर्देश दिए हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 09:54 AM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 09:54 AM (IST)
PM और CM पोर्टल पर शिकायत के बाद CSJMU ने शुरू कराई जांच, छात्रों को कम अंक मिलने का मामला
डिग्री कालेजों के छात्रों को बेहद कम अंक मिले हैं।

कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री कालेज में पढऩे वाले स्नातक द्वितीय व तृतीय वर्ष के छात्रों को कम अंक मिलने की शिकायत सोमवार को कुलपति प्रो. विनय पाठक तक पहुंच गई। एक साथ विभिन्न कालेजों के कई छात्रों को इतने कम अंक मिलने पर उन्होंने जांच समिति गठित कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा।

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अधिष्ठाता प्रशासन प्रो. सुधांशु पांडिया, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. सुधीर अवस्थी व महाविद्यालय विकास परिषद के निदेशक डा. आरके द्विवेदी की तीन सदस्यीय जांच समिति ने उत्तर पुस्तिकाओं में मिलने वाले अंकों की जांच शुरू कर दी है। विश्वविद्यालय से संबद्ध आठ सौ कालेजों के 70 फीसद छात्रों के 35 से 40 अंक आने से अाक्रोश का माहौल बन गया था और शिकायतों का दौर शुरू हो गया। इसके बाद विवि प्रशासन हरकत में आया और जांच समिति गठित कर दी।

छात्रों के नंबर इतने कम हैं कि वह उच्च शिक्षा के लिए आवेदन तक नहीं कर सकते हैं। बताते चलें कि इस बार वार्षिक परीक्षा में छात्र छात्राओं से आब्जेक्टिव प्रश्न पूछे गए थे, इसकी आंसर की विश्वविद्यालय ने जारी की थी। जब छात्रों ने किए गए प्रश्नों का आंसर-की से मिलान किया तो उनके अंक अच्छे थे, लेकिन परीक्षा परिणाम जारी करने के बाद जो अंक उनके सामने आए वह चौंकाने वाले हैं।

पीएम और सीएम पोर्टल पर भी शिकायत

सीएसजेएमयू के परीक्षा परिणाम में 35 से 40 फीसद अंक आने से आक्रोशित छात्र छात्राओं ने पीएम और सीएम पोर्टल पर भी शिकायत की है। छात्रों का कहना है आनसर-की से मिलान करके जो अंक जोड़े थे उससे बहुत कम अंक दिए गए हैं। कन्नौज के निजी कालेज प्रबंधक रवि यादव कहते हैं कि छात्र उत्तर पुस्तिकाओं का दोबारा मूल्यांकन कराने की बात कह रहे हैं। प्रबंधक मुकेश यादव कहते हैं कि लिखित के साथ प्रयोगात्मक परीक्षा में भी अंक कम हैं। छात्र छात्राएं भी अपनी बात विश्वविद्यालय के सामने रखेंगे।


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