कानपुर में फर्जी जमानत पर रिहा हो चुके दो बदमाशों ने किया सरेंडर, दोनों पर दर्ज हैं कई मुकदमे
अनवरगंज के रिजवान मंसूरी और स्वरूप नगर के दीपू यादव ने किया आत्मसमर्पण। गैंगस्टर कोर्ट की ओर से ही कोतवाली थाने में 130 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया हुआ है।
कानपुर, जेएनएन। फर्जी जमानतदारों और फर्जी जमानत पर रिहा होने वालों का मनोबल टूट रहा है। पुलिस के कसते शिकंजे के बीच गुरुवार को दो अपराधियों ने अदालत में सरेंडर कर दिया।
पिछले दिनों पुलिस की जांच में सामने आया था कि गैंगस्टर कोर्ट से दर्जनों की संख्या में अपराधी फर्जी जमानत पर जेल से रिहा हो गए। इस प्रकरण में गैंगस्टर कोर्ट की ओर से ही कोतवाली थाने में 130 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया हुआ है। पुलिस की लगातार दबिश के चलते अब गिरोह के लोगों के हौसले टूटने लगे हैं।
इनका ये है कहना
एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि गुरुवार को अनवरगंज के सोहनलाल का हाता निवासी रिजवान मंसूरी उर्फ लंगड़ा ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। इनके खिलाफ विभिन्न थानों में डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
गंभीर धाराओं में दर्ज हैं मुकदमे
लंगड़ा का नाम एक शातिर लुटेरे के रूप में जाना जाता है। अनवरगंज, पनकी, बर्रा, हरबंशमोहाल में इसके खिलाफ छह मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा हत्या के प्रयास, एनडीपीएस एक्ट, आम्र्स एक्ट के मुकदमे भी इसके खिलाफ दर्ज हैं। अदालत में सरेंडर करने वाले दूसरे अपराधी का नाम दीपू यादव है, जो कि थाना स्वरूप नगर का हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। कच्ची मड़ैया, धोबी घाट निवासी दीपू यादव पर गैंगस्टर एक्ट के अलावा मारपीट व आम्र्स एक्ट के पांच मुकदमे दर्ज हैं।
अब तक 35 पकड़े गए
एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि फर्जी जमानत के प्रकरण में अब तक 35 पकड़े जा चुके हैं। इनमें से सात फर्जी जमानतदार हैं, जबकि शेष गैंगस्टर हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में अभियान में और तेजी लाकर आरोपितों को सलाखों के पीछे किया जाएगा।