Kanpur Kidnapping Case : इंस्पेक्टर को बचाने के लिए दिलवा दिया बैग में रुपये न होने का झूठा बयान
22 जून से अपहृत है संजीत बेटे को वापस पाने के लिए 30 लाख रुपये फिरौती दे चुके स्वजन।
कानपुर, जेएनएन। संजीत यादव के अपहरण की सनसनीखेज वारदात में बर्रा पुलिस ही नहीं, अब क्राइम ब्रांच ने भी खेल शुरू कर दिया है। 30 लाख रुपये फिरौती दे चुके स्वजन बेटे की कुशलता के लिए दिन-रात भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं। वहीं, पुलिस युवक की खोज खबर के बजाय बर्रा इंस्पेक्टर के बचाव में लगी है। बुधवार को क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर पर भी संजीत की बहन रुचि ने गंभीर आरोप लगाए। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने भाई की जान को खतरा बताकर और सकुशल बरामदगी का भरोसा दिलाकर बैग में रकम न होने का झूठ बुलवाया और वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया।
22 जून को अस्पताल से घर आते समय हुआ था लापता
बर्रा पांच एलआइजी कॉलोनी निवासी पान विक्रेता चमन ङ्क्षसह का 27 वर्षीय इकलौता बेटा संजीत 22 जून को अस्पताल से घर लौटते समय लापता हो गया था। स्वजन ने बर्रा थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। दो दिन बाद एसएसपी की फटकार के बाद अपहरण का मुकदमा दर्ज गया। चमन ङ्क्षसह ने बर्रा विश्व बैंक कॉलोनी निवासी राहुल यादव व उसके स्वजन पर शक जताते हुए तहरीर दी थी। आरोप लगाया कि बेटी से रिश्ता तोडऩे के चलते आरोपित धमका रहे थे। पुलिस ने 23 जून को ही राहुल को हिरासत में ले लिया था। उसके पीएसी में तैनात पिता और चाचा (मैनपुरी में दारोगा) से भी पूछताछ की गई, लेकिन संजीत का सुराग नहीं मिला। 29 जून से अपहर्ता ने 30 लाख रुपये फिरौती के लिए फोन करना शुरू कर दिया।
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मंगलवार को स्वजन ने एसएसपी दफ्तर पहुंचकर बताया कि सोमवार रात बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय के कहने पर उन्होंने रकम का इंतजाम किया और अपहर्ता के बुलाने पर पुलिस के साथ जाकर गुजैनी हाईवे के नीचे रेलवे लाइन पर रकम से भरा बैग फेंक दिया था। बावजूद इसके बेटा नहीं मिला और न ही अपहर्ता पकड़े गए। मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो पुलिस बैकफुट पर आ गई और एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने बैग में रकम न होने का बयान दिया। संजीत की बहन रुचि ने कहा कि पिता ने मकान और जेवर बेचकर 30 लाख रुपये जुटाए थे। भाई के साथ अब यह पैसा भी चला गया। तब एसएसपी ने पुलिस टीम के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे।
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पीडि़त परिवार के घर गए थे क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर
बुधवार को क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर दिनेश यादव टीम के साथ संजीत के घर पहुंचे और उसकी बहन का बयान लिया। इसमें रुचि ने कहा कि बैग में रकम नहीं थी। पुलिस जांच में तेजी लाने के लिए कुछ लोगों के बहकावे में आकर उन्होंने बैग में 30 लाख रुपये होने की बात कही थी। शाम को ही रुचि के इस बयान का वीडियो वायरल हो गया। तब रुचि ने इंस्पेक्टर दिनेश यादव पर आरोप लगाए। रुचि ने कहा कि इंस्पेक्टर यादव ने घर आकर गेम खेला है। भाई की जान को खतरा बताकर झूठा बयान लिया और उसे वायरल कर दिया।
सोमवार रात से बंद है अपहर्ता का मोबाइल फोन, आखिरी लोकेशन ङ्क्षबदकी
फिरौती की रकम लेने के बाद सोमवार रात करीब साढ़े 12 बजे से अपहर्ता का मोबाइल फोन बंद है। क्राइम ब्रांच ने पीडि़त परिवार से पुरानी रंजिश व संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में पूछताछ की। एक टीम उस अस्पताल भी भेजी गई, जहां संजीत काम करता था। जांच में यह भी सामने आया है कि फिरौती वसूलने से पहले जिस नंबर से चमन ङ्क्षसह के फोन पर कॉल आ रही थी, उसकी आखिरी लोकेशन ङ्क्षबदकी फतेहपुर की निकली है। लिहाजा एक टीम फतेहपुर भी भेजी गई है।
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एसपी साउथ ने फिर किया दावा, बैग में नहीं थी रकम
एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने बुधवार दोपहर बयान जारी कर फिर दावा किया कि चमन ङ्क्षसह ने जो बैग रेलवे लाइन पर फेंका था, उसमें रकम नहीं थी। उनका कहना है कि अपहरणकर्ता ने रकम के साथ संजीत के कपड़े भी बैग में लाने के लिए कहा था। लिहाजा बैग में केवल कपड़े थे। उनके बीच में जीपीएस ऑन करके मोबाइल फोन रखा गया था।
इनका ये है कहना
पीडि़त परिवार की बेटी दोबारा बयान दे रही है कि बैग में 30 लाख रुपये थे और पुलिस ने दबाव बनाकर बयान ले लिया। परिवार जो कह रहा है, हम स्वीकार कर रहे हैं। स्वॉट टीम और सर्विलांस टीम अभी तक चौबेपुर में लगी थी। उसे इस मामले में लगाया गया है। जल्द ही युवक को बरामद कर लिया जाएगा। जिस नंबर से अपहर्ता ने फोन किया था, उसकी लोकेशन अभी ट्रेस नहीं हो सकी है।
-दिनेश कुमार पी, एसएसपी