महोबा के कबरई बांध की अतिरिक्त बनी दीवार में आई दरार, जांच के बाद अफसरों ने दिए सही कराने के निर्देश
करीब 110 गांवों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से चल रहे कबरई बांध के उच्चीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। अर्जुन सहायक परियोजना के तहत बनाई गई मुख्य नहर से बांध में 30 प्रतिशत तक पानी भी भरा जा चुका है।
महाेबा, जागरण संवाददाता। कबरई बांध पर सुरक्षा की दृष्टि से बनाई गई अतिरिक्त दीवार (पैरापेट) खुद ही सुरक्षित नहीं निकली। महज छह माह में दरार से इसकी गुणवत्ता की हकीकत सामने आ गई है। पिछले साल अगस्त में ही बांध को उच्चीकृत किया गया था, तभी इसके किनारे अतिरिक्त दीवार भी बनाई गई थी। गुणवत्ता पर प्रश्न खड़ा हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार इसे सामान्य घटना बता रहे हैं। मौदहा निर्माण खंड प्रथम के अधीक्षण अभियंता सर्वेश कुमार ने बताया कि दीवार में नहीं, बल्कि सीमेंट के प्लास्टर में दरार है। उनके निर्देश के बाद दरार वाली जगह को तोड़कर कंक्रीट भरने का काम शुरू हो गया है। इधर, सीडीओ डा. हरिचरन ङ्क्षसह का कहना है कि अधीक्षण अभियंता को जांच कर जल्द रिपोर्ट मंागी है।
बांध के मुख्य फाटक के दोनों ओर बनी दीवारों में अतिरिक्त यह दीवार तीन फीट ऊंची और सौ मीटर लंबी है। अधीक्षण अभियंता के मुताबिक, कार्यदायी संस्था झांसी की घनाराम कंपनी ने इसे करीब छह लाख रुपये लागत से ईंट और कंक्रीट (आरसीसी) के मिश्रण से बनाया था। दीवार में दरार की जानकारी पर वह जांच करने के लिए बुधवार को पहुंचे। दरार वाली जगह प्लास्टर को तोड़ कंक्रीट भरने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त दीवार से बांध को कोई नुकसान नहीं है। गुणवत्ता के प्रश्न पर उनका कहना है कि मौसम के बदलाव से ऐसी समस्या हो जाती है। ऊपरी लेयर में सीमेंट की परत सूखने से पतली दरार जैसी दिख रही है, जिसे ठीक किया जा रहा है।