कोरोना के इलाज में कारगर साबित हो रही घुटने की दवा, डब्ल्यूएचओ ने संक्रमितों पर इस्तेमाल की दी इजाजत
कोरोना संक्रमित मरीजों को को वेंटिलेटर की स्थिति तक पहुंचने से बचाव करने वाली दवा को डब्ल्यूएचओ ने इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। इसे स्टेरायड के साथ देने पर मरीज के मौत के खतरे को भी कम करती है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस का संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है। उतनी ही तेजी से संक्रमितों के इलाज के लिए नई दवाएं भी आ रहीं हैं। अभी तक गठिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा अब कोरोना वायरस के खिलाफ हथियार बनेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना संक्रमितों पर दवा के इस्तेमाल की अनुमति प्रदान कर दी है। उसका सुझाव है कि इस दवा को संक्रमितों को स्टेरायड के साथ चलाया जाए। यह दवा गंभीर संक्रमितों वेंटिलेटर तक पहुंचने की स्थिति नहीं आने देती है। साथ ही मौत के खतरे को भी कम करती है, जिससे अस्पताल में भर्ती होने का समय भी कम होता है। ब्रिटेन में हुए अध्ययन में कोरोना के खिलाफ कारगर साबित हुई है।
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. विकास मिश्रा ने बताया कि गठिया के इलाज में बारिसिटिनिब दवा का इस्तेमाल किया जाता है। ब्रिटेन में कोरोना के गंभीर मरीजों को बारिसिटिनिव दवा कार्टिको स्टेरायड के साथ चलाई गई। इसमें पाया गया कि कोरोना के गंभीर मरीजों की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ। उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत भी कम पड़ी। इसके अलावा उन गंभीर मरीजों की जान भी बचाई जा सकी, जो यह प्रमाणित करता है कि कोरोना से मौत के खतरे को भी कम करती है। इसलिए डब्ल्यूएचओ ने इसके इस्तेमाल की अनुमति प्रदान की है। अगर अपने यहां के मरीजों पर इस दवा के बेहतर रिजल्ट रहे तो आने वाले दिनों में कोरोना के खिलाफ गेम चेंजर साबित होगी।
एक और सिंथेटिक एंटीबाडी ट्रीटमेंट : कोरोना वायरस के इलाज में लगे हुए हेल्थ केयर वर्कर के लिए एक और नया सिंथेटिक एंटीबाडी ट्रीटमेंट आ गया है। यह उनके लिए कारगर है, जिन्हें कोरोना का संक्रमण होने का खतरा बना रहता है, यानी कोरोना के लिए हाई रिस्क कटेगरी में आते हैं। उन्हें संक्रमण की आशंका होने पर पहले शुरुआती संक्रमण में देने पर तीन से चार दिन में रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है। यह मानोकोनल एंटीबाडी कासिरिविमैव एवं इमदेविमाब का काम्बिनेशन है। इसे मिलाकर दिया जाता है। हालांकि यह महंगा इलाज है। इसे भी हाल में डब्ल्यूएचओ ने अनुमति प्रदान की है।